सबको छोड़ गया बलिया का जवान ,लोगों की आंखे हुई नम
बलिया। अपनी आज़ादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं ,सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं कुछ इसी
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