योगी पर अभद्र टिप्पड़ी पडी मंहगी, 2 साल के लिए सोशल मीडिया पर इस तरह हुआ प्रतिबंधित
उत्तर प्रदेश के एक युवक को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणी करना मंहगा पड़ गया । इसी के साथ अब वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल 2 साल के लिए नहीं कर पाएगा । रायबरेली जिले के जनपद न्यायाधीश के के शर्मा ने अमेठी जिले के रहने वाले एक छात्र अनस सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर फेस बुक में अभद्र टिप्पड़ी करने के मामले में जमानत देते हुए जो दो शर्ते लगाईं है उनमें अनस सिद्दीकी की सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित कर दिया गया है । इस अजीबोगरीब और ऐतिहासिक निर्णय पर देश भर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करने को लेकर बड़ी बहस छिड़ सकती हैं ।
अपने जमानत आदेश में जिला जज राय बरेली के के शर्मा ने जो दो शर्ते लगाईं है उनके अनुसार एक शर्त यह है कि अनस सिद्दीकी आज से 2 वर्ष तक कोई भी फेसबुक,ट्विटर,अथवा इंस्टाग्राम या अन्य कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल नहीं करेगा।
दूसरी शर्त यह है कि अभियुक्त आज से दो वर्ष तक एंड्रॉइड मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल नहीं करेगा ।
जिला जज ने 20000 रुपये के व्यक्तिगत बंध पत्र जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया है । अनस सिद्दीकी पुत्र वसीम सिद्दीकी निवासी बहादुर नगर थाना जायस जिला अमेठी पर अमेठी के थाना जायस पर अपराध संख्या 426/2017 में आई पी सी की धारा 153 A, 295A, 298,505(2) और 67 आई टी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया था । इस पर आरोप था कि इसने फेस बुक पर योगी आदित्य नाथ के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी । न्यायाधीश का जमानत पर दिया गया यह शशर्त निर्णय अपने आप में अभूतपूर्व है । के के शर्मा आउट ऑफ़ वे जाकर निर्णय देने और स्पीडी जस्टिस देने के लिए पूरे देश भर में जाने जाते हैं । इस बेल का सरकारी वकील ने यह कहकर विरोध किया था कि इस तरह की टिप्पड़ियों से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है परंतु जज ने पाया कि अभियुक्त ने ग्रेजुएशन किया है और इसकी जमानत निरस्त करने और जेल भेजने से इसका भविष्य बिगड़ सकता है इसलिए दो शर्तों के साथ अभियुक्त को जमानत दे दी गयी। और यह भी कहा है कि इस दो साल की अवधि के दौरान यदि अभियुक्त इन दो शर्तों का उल्लंघन करता है तो यह उसकी जमानत निरस्त होने का पर्याप्त आधार होगा ।