अब नेताजी को देनी होगी सोशल मीडिया एकाउंट की डिटेल
चुनाव में बढ़ते सोशल मीडिया के इस्तेमाल को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राजनैतिक दलों एवं उनके समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर किए जा रहे प्रचार-प्रसार पर शिंकजा कसा जा सकता है। चुनाव आयोग प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करते समय फार्म-26 के साथ अपने सोशल मीडिया, फेसबुक एकाउन्ट, व्हाट्सएप नम्बर एवं एकाउन्ट, ट्विटर एकाउन्ट्स, यू-टयूब तथा विकीपीडिया जैसे सोशल मीडिया के एकाउन्ट्स की जानकारी शपथपत्र पर अनिवार्य रूप से देनी होगी। मतलब अब नेताजी के सोशल एकाउंट्स पर भी चुनाव आयोग की नजर रहेगी | अगर सोशल मीडिया एकाउन्ट के सम्बन्ध में झूठा शपथ-पत्र दाखिल करने पर प्रत्याशी की उम्मीदवारी भी निरस्त की जा सकती है। सबसे बड़ी समस्या यह है की राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों द्वारा सोशल मीडिया पर किये जाने वाले प्रचार पर व्यय को चुनाव खर्च में शामिल किये जाने का निर्देश भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिया गया है। इस खर्च में अन्य बातों के साथ-साथ विज्ञापनों को कैरी करने के लिए इंटरनेट कम्पनियों और वेबसाईटों को किये गये भुगतान के साथ-साथ विषयवस्तु के रचनात्मक विकास पर होने वाले प्रचार सम्बन्धी प्रचलनात्मक व्यय, ऐसे अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों द्वारा अपने सोशल मीडिया के एकाउन्ट को बनाये रखने के लिए नियोजित कामगारों की टीम को दिये गये वेतनों और मजदूरियों पर प्रचलनात्मक व्यय आदि शामिल हैं।मतलब अब नेताजी की मुसीबत और बढ़ने वाली है | फ़िलहाल नियम चाहे जो भी हो देखने वाली बात यह है की चुनाव आयोग इतने बड़े स्तर पर फैले सोशल मीडिया पर निगरानी कैसे रखेगा |
Report- Radheyshyam Pathak