सपा एमएलसी बुक्कल नवाब पर लगा घोटाले का आरोप
सपा सरकार में एक बड़ा घोटाला सामने आया है| आरोपो के घेरे में आए हैं सपा एमएलसी बुक्कल नवाब| टीवी डिबेट में अक्सर अखिलेश सरकार का पक्ष रखने वाले नवाब को कम ही लोग मजहर अली खान के नाम से जानते होंगे| आरोप है कि बुक्कल नवाब ने गोमती नदी की जमीन को ही अपनी निजी जागीर करार देकर करोड़ों का मुआवजा डकार लिया| इस मामले की जांच के लिए दिए गए हाईकोर्ट के आदेश को भी अफसरों ने धता बता दिया| अब अदालत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ गलत हलफनामा दायर करने पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाए| दरअसल, गोमती नदी के जुड़ी जमीनो के बड़े हिस्से को अपनी निजी जागीर बताकर सपा एमएलसी बुक्कल नवाब ने सरकारी खजाने से करोड़ों का मुआवजा हासिल कर लिया,मुआवजे के इस खेल को कामयाब बनाया सत्ता की हनक ने| बिना किसी जांच के अफसरों ने करोड़ो की रकम बुक्कल नवाब के हवाले कर दी।
इस मामले की सीबीआई जांच के लिए हरीश चन्द्र वर्मा ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की। इसमें द्वितीय गोमती बैराज से लॉ मार्टीनियर तक जमीन री-क्लेम करने के लिए अधिग्रहीत की जा रही जमीन का भी मामला उठाया गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनु सिंह ने यह भी कहा कि 12 अक्टूबर, 2015 के डीएम के आदेश के अनुसार जियामऊ, जुगौली और भिकमामऊ में कुछ गैर अधिग्रहीत जमीनों के लिए भी मुआवजा दिया जा रहा है| इसके तहत 13,752 हेक्टेयर(54 बीघा) भूमि के 28 भूखंडों को चुना गया| जबकि यह भूमि शहरी निकाय में आती है| फर्जी दस्तावेजों के जरिए इन्हें निजी संपत्ति बताया जा रहा है क्योंकि 1977 के जिस निर्णय का हवाला देकर ये जमीनें बुक्कल की बताई जा रही है वैसा कोई केस ही अदालत में कभी नहीं आया| वैसे भी यह जमीन गोमती नदी में डूबी रहती थी ऐसे में इस पर कोई व्यक्तिगत दावा कैसे कर सकता है| एम ए खान नामक शख्स ने पहले 2011 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया| 2015 में उसी ने फिर से याचिका की जो अभी भी लंबित है| ऐसे में मुआवजा देने से जनता के रूपयों की भारी बर्बादी है| भूमाफिया भी इसमें मिलीभगत कर रहे हैं| जिससे भारी रकम ऐंठी जा सके|
Report- Satyam Mishra