और बेटे के शव को सीने में समेट ली मां
बलिया। नगरा कस्बा निवासी रामप्रकाश कन्नौजिया का इकलौता पुत्र निशांत कुमार उर्फ रंजन (26) की मौत लखनऊ के एक सड़क हादसे में हो गयी। वहां से उसका शव जैसे ही नगरा पहुंचा, कोहराम मच गया। मां जहां बेटे के शव को चूम-चूमकर दहाड़े मार रही थी, वहीं बहनों का रोते-रोते बुरा हाल था। पिता की हालत बेसुध जैसी हो गई थी।
निशांत कुमार उर्फ रंजन लखनऊ में इलेक्ट्रिकल कार्य करता था। सोमवार को सुबह सड़क दुर्घटना में उसकी दर्दनाक मौत हो गई। युवक की मौत की सूचना पर परिजन तुरन्त लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को सुबह युवक का शव पैतृक घर आया। शव आते ही परिजनों में कोहराम मच गया। दरवाजे पर भारी भीड़ जुट गई। मां कमलावती देवी और बहनें गीतांजलि, पुष्पांजलि, काव्यांजलि सहित घर की अन्य महिलाओ का रोते रोते बुरा हाल है। मां पुत्र वियोग में अपना सुध बुध खो बैठी है। बुढ़ापे की लाठी का साथ छूट जाने से पिता के आंखों के सामने अंधेरा छा गया है। परिजन समझ नही पा रहे है कि भगवान उनके साथ इतना क्रूर मजाक क्यों किये? युवक अपने तीन बहनों में इकलौता भाई था।
पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को सुबह युवक का शव पैतृक घर आया। शव आते ही परिजनों में कोहराम मच गया। दरवाजे पर भारी भीड़ जुट गई। मां कमलावती देवी और बहनें गीतांजलि, पुष्पांजलि, काव्यांजलि सहित घर की अन्य महिलाओ का रोते रोते बुरा हाल है। मां पुत्र वियोग में अपना सुध बुध खो बैठी है। बुढ़ापे की लाठी का साथ छूट जाने से पिता के आंखों के सामने अंधेरा छा गया है। परिजन समझ नही पा रहे है कि भगवान उनके साथ इतना क्रूर मजाक क्यों किये? युवक अपने तीन बहनों में इकलौता भाई था।
Report- Radheyshyam Pathak