समाजवादी लैपटॉप न लौटाने पर अब पकड़ेगी पुलिस , जानिये क्यों

akhilesh laptop
शिक्षा विभाग का अजब और गजब खेल सामने आया है । अब लैपटॉप न लौटाने वाले को पुलिस पकड़ेगी । जी हां दलित छात्रा से दो महीने बाद वापस लिया निःशुल्क समाजवादी लैपटाप । यही नही छात्रा को सामाजिक अपमान अलग से सहना पड़ा । मिर्जापुर को वर्ष 2016 में 83% से अधिक पाने पर उसका चयन शिक्षा विभाग के द्वारा चयन किया गया था । बीते वर्ष के दिसंबर माह में उसे जब लैपटॉप मिला तब वह बहुत खुश थी  पर आज उससे  इसे वापस ले लिया गया ।
समाजवादी लैपटॉप का दूसरा पहलू 
मझवां विकास खण्ड के मझवां गांव की रहने वाले अनुसूचित मोनिका शंकर हनुमत बालिका विद्यालय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बजहां-कछवां से हाईस्कूल पास किया । उसका वर्ष  2016 मे अनुक्रमांक 3615740 था उसने परीक्षा में प्राप्तांक 499/600 पाया था। उसका चयन हनुमत विद्यालय के प्रबंधक व चयन समिति द्वारा उसे चयन के आधार पर समाजवादी लैपटाप दिसम्बर माह मे मिर्जापुर में मिला तो छात्रा बहुत खुश हुयी लेकिन उसकी सारी खुशी दोनों महिने में ही गायब हो गयी । उसके पास एक दिन डाक द्वारा लेटर पहुँचा लेटर खोल कर देखा तो जिला विधालय निरीक्षक फूलचन्द यादव का सख्त आदेश था कि जनपदीय चयन समिति द्वारा उसका नाम सूची से निरस्त कर दिया गया तत्काल लैपटाप वापस किया जाये नहीं तो थाने मे प्राथमिक दर्ज करा कर लैपटाप वापस कराया जाएगा। हनुमत विद्यालय के प्रिंसिपल ने एक हजार रुपया भी छात्रा से वसूला था,  इसके बाद भी स्कूल द्वारा उसके चयन को लैपटाप  मिलने  के बाद भी निरस्त  कर दिया गया। विभाग पर उँगली उठाने का एक बड़ा कारण और भी था लेटर पर छात्रा और उसके पिता का नाम तो सही था पर पता मझवां की जगह बजहां गांव लिखा था तो छात्रा को लगा की हमारे नाम की कोई दुसरी छात्रा है बजहां की तो हम लैपटाप क्यूँ वापस करें जब छात्रा ने विधालय के लोगों को लैपटाप वापस करने से मना किया तो विद्यालय प्रबंधक ने थाने से छात्रा के घर पर पुलिस भेज कर दबाव बनाया ।  स्थानीय पुलिस बार बार  जाकर लैपटाप वापस करने व जेल भेजने की धमकी दिलवाया गया आखिर मे छात्रा ने विधालय के प्रबन्धक को बुलाकर लैपटाप वापस किया और लैपटाप मिलने के पहले दिया गया एक हजार रूपया वापस माँगा जिसे लौटाया गया। छात्रा ने बताया सभी छात्राओं से प्रबंधक ने एक-एक हजार रूपया लेकर लैपटाप दिया गया था अब एक तो लैपटाप वापस करना दुसरी तरफ पुलिस द्वारा उसे जेल भेजने की धमकी से छात्रा मानसिक रूप से परेशान है । छात्रा का आरोप है कि उसे दूसरी जाती का होने का खामियाजा उठाना पड़ा है –
परिवार के लोग भी इस कार्रवाई से दुखी हैं । अब लोगों मे इस बात की चर्चा है जब लैपटाप वापस लेना था दिया ही क्यूँ गया इसमें उसका क्या कसूर है | पूरे  मामले पर जब विभाग के अधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक फूलचन्द यादव से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका सीयूजी मोबाईल बार-बार बजने के बाद भी नही उठा ।

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