हार के बाद क्या पिता से किया वादा निभाएंगे अखिलेश




akhilesh and mulayam

 

उत्तर प्रदेश 2017 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद क्या अखिलेश यादव अब अपने पिता मुलायम सिंह यादव से किया वादा निभाएंगे | अखिलेश ने पिता मुलायम सिंह यादव से कहा था कि बस 3 महीने दे दीजिए उसके बाद आप जो चाहे वह कीजिए सूत्रों की माने तो अब उनके इसी बयान को आधार बनाकर उनपर हमला करने की तैयारी है | उनके विरोधी इसी बयान को आधार बनाकर उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी सवाल उठाएंगे | अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी चुनावी हार से रूबरू हो रहे अखिलेश के लिए अब पार्टी के संगठन को बनाए रखने तथा पारिवारिक लड़ाई में जवाबी हमले के सामने टिके रहने की दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है | इसी के साथ यह भी तय हो गया है कि यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथ से  प्रचंड हार झेलने  के बाद समाजवादी पार्टी के नए बिगबॉस अखिलेश यादव की मुश्किलें तेजी से बढेंगी|
पार्टी के बड़े अब अखिलेश को सिखाएंगे राजनीति
Up के विधानसभा चुनाव में हाशिए पर धकेल दिए गए समाजवादी पार्टी के बड़े नेता अब अखिलेश यादव को पार्टी के बिग बॉस से बबुआ बनाने की पूरी कोशिश करेंगे | परिवार में वर्चस्व की जंग में पार्टी के कुछ बड़े नेता और अखिलेश विरोधी खेमा लगातार यह कहता रहा कि मुलायम सिंह यादव के साथ गलत हुआ नेताजी यानि मुलायम का अपमान हुआ | वही अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव के समर्थक भी अखिलेश के कदम को गलत ठहरा रहे थे| शिवपाल को उपेक्षित करना और हाशिए पर धकेल देना अखिलेश की बड़ी गलती बता रहे  थे क्योंकि यह वह लोग हैं जिन्होंने पार्टी को एक-एक ईट जोड़कर खड़ा किया और उसी बुनियाद पर पार्टी के संगठन और इमारत को ऊंचाई पर ले गए | अखिलेश के मुकाबले संगठन पर इसीलिए उनकी अच्छी-खासी पकड़ भी है |




आपको चुनाव परिणाम आने के 2 दिन पहले मुलायम की दूसरी पत्नी साधना यादव ने कहा था कि अखिलेश बागी हो जाएगा किसी को भरोसा नहीं था|  जिस  तरह से अखिलेश ने मुलायम और शिवपाल सिंह यादव का अपमान किया वह नहीं करना चाहिए था| साथ ही साधना साधना यादव ने अखिलेश को चेतावनी भी दे दी कि उन पर उन्होंने कई झूठे आरोप लगाए लेकिन अब अगर कोई आरोप लगाए तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगी| अब चुनाव परिणाम आने के बाद अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के इस बयान पर गौर कीजिए जिसमें उन्होंने कहा यह समाजवादियों की नहीं घमंड की हार है| नेताजी को हटाया गया और हमारा अपमान किया गया |साफ़ जाहिर है अब अखिलेश की अग्निपरीक्षा की बारी है और बिना परीक्षा दिए वह बबुआ से बिग बॉस नहीं बन पाएंगे|
अखिलेश के सामने यह आएंगी मुश्किलें




अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती समाजवादी पार्टी को टूट से बचाने की है| सूत्रों की माने तो अखिलेश का विरोधी खेमा और हाशिए पर धकेल दिए  गए समाजवादी नेता संगठन में दोबारा अपना वर्चस्व हासिल करने के लिए पार्टी में  टूटन कराने की तैयारी में है | बताया यह भी जाता है कि पार्टी का एक धड़ा इन नेताओं के के साथ खड़ा है| सूत्रों की माने तो अखिलेश को बिग बॉस से बबुआ बनाने की पूरी रणनीति तैयार कर ली गई है | इसी रणनीति के तहत अखिलेश पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने का सबसे बड़ा  दबाव बनाए जाने वाला है | इसी के साथ  अखिलेश के द्वारा संगठन और पार्टी में पिछले दो माह के दौरान किए गए सभी बदलावों को वापस लिया जाए यह भी सवाल उठेगा | यही नहीं अखिलेश की टीम के उन अहम सदस्यों पर भी हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और उन्हें अनुभवहीन युवाओं की टीम करार दिया जाएगा | अब देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव बिग बॉस बने रहते हैं कि बबुआ बन पार्टी में खुद हासिए पर चले जाते हैं | अखिलेश अपने राजनीतिक भविष्य को बचाए रखने के लिए इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं यह देखना भी  सबसे अधिक दिलचस्प होगा और समाजवादी पार्टी के इतिहास में कुछ और बदनुमा पन्नो को जोड़ देगा|

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