नारद राय साईकिल से उतर कर हाथी पर बैठे





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लखनऊ- जैसे जैसे चुनावी पारा  चढ़ रहा है वैसे वैसे नेताओ का एक पार्टी छोड़ कर दूसरी पार्टी में जाने का जैसे फैशन ही चल गया है | तजा मामला  पूर्वांचल की राजनीति में में अपनी पकड़ रखने वाले नारद राय का है | रविवार को पूर्वांचल की राजनीति में एक और भूचाल उस समय आ गया, जब सपा से बलिया नगर विधायक व पूर्व मंत्री नारद राय ने साईकिल से उतर कर हाथी पर जा बैठे | उनके जाने की भी वजह साफ़ है | बसपा में जाते ही  बसपा ने उन्हें बलिया नगर से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। इससे पहले बलिया नगर से बसपा ने रामजी गुप्त को चुनाव मैदान में उतारा था। तो सवाल यह भी खड़ा होता है की कब और किसका टिकटकट  जाये और किसे मिल जाये कुछ कहाँ नहीं जा सकता है | सपा हाईकमान में   पारिवारिक कलह के दौरान   मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव द्वारा  जिन चार कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त किया था, उसमें नारद राय भी शामिल थे। मुलायम सिंह ने जो सूची जारी की थी, उसमें नारद राय को बलिया नगर का प्रत्याशी भी बनाया गया था।




लेकिन अखिलेश यादव के हाथ में पार्टी की चॉबी मिलने के बाद से नारद राय के टिकट पर संशय हो चला था। इसी बीच, सपा के सचेतक रहे पूर्व मंत्री व एमएलसी अम्बिका चौधरी ने बसपा का दामन थाम लिया। यही नहीं, बसपा ने फेफना से अभिराम सिंह दारा को हटाकर अम्बिका चौधरी को प्रत्याशी बना दिया। बलिया नगर को छोड़ बलिया के सभी सीटो से सपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि नारद राय भी बसपा में शामिल हो सकते है। रविवार को बसपा के राष्ट्रीय सचिव सतीशचन्द्र मिश्र ने आनन-फानन में प्रेस बुलाकर न सिर्फ नारद राय को बसपा में शामिल कराया, बल्कि बलिया नगर से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या नेता अब दलबदलू ही बनकर रह गए है ?

Report- Radheyshyam Pathak

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