बेटे की खातिर फिर बापू पड़े मुलायम
उत्तर प्रदेश और समाजवादी पार्टी के इतिहास में चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामे में हर दिन एक नया मोड़ देखने को मिलता रहता है | बापू मुलायम सिंह से पार्टी ले लेने के बाद से लेकर कई बार मुलायम नाराज हुए और फिर मान गए | अब इसको पिता का पुत्र मोह कहें या कोई मज़बूरी पर हरहाल में झुकते मुलायम ही है | आपको याद होगा अभी कुछ दिन पहले ही नेताजी ने कहाँ था की वह प्रचार नहीं करेंगे और लोगों जो कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने को कहाँ था पर मुलायम अब फिर से अपनी बात से पलट गए है और कहाँ की वह 9 तारीख से प्रचार करेंगे | तो सवाल यह भी उठता है कि नेताजी की अब पार्टी में चलती नहीं है और अखिलेश की ही चलती है ?
पढ़िए इसके पहले क्या कहाँ था मुलायम ने
समाजवादी पार्टी के जनक मुलायम सिंह यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में सपा का कांग्रेस से गठबंधन के खिलाफ है । रविवार को मुलायम ने खुलकर अपना विरोध जता दिया साथ ही यह ऐलान भी कर दिया कि वह यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं करेंगे मुलायम सिंह यादव शुरुआत से कांग्रेस समाजवादी पार्टी गठबंधन नहीं चाहते थे । उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी कांग्रेस पार्टी से गठबंधन के लिए मना किया था । लेकिन समाजवादी पार्टी का नया बिगबास बनने के बाद अखिलेश ने कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर लिया ।उनका शुरू से मानना रहा है कि समाजवादी पार्टी अकेले दम पर चुनाव जीत सकती है। कुछ यही रविवार को भी मुलायम सिंह यादव ने कहा। उन्होंने कहा मैं इस समझौते के खिलाफ हूं और इस गठबंधन के लिए कहीं चुनाव प्रचार करने नहीं जाऊंगा। गठबंधन की कोई जरूरत नहीं थी ।समाजवादी पार्टी अपने दम पर चुनाव जीतने में सक्षम थी। इस गठबंधन के चलते हमारे जिन नेताओं का टिकट कट गया है वह 5 साल क्या करेंगे ..? उन्होंने तो 5 साल के लिए मौका गंवा दिया । अब मुलायम के बदले रुख से समाजवादी पार्टी के नए रणनीतिकार पशोपेश में पड़ गए हैं ।
मुलायम इस हद तक है नाराज
कांग्रेस से गठबंधन ना करने की हिदायत पर जब अखिलेश ने हमल नहीं किया तो मुलायम अचानक कठोर हो गए । इसीलिए जब अखिलेश यादव राहुल गांधी के साथ लखनऊ में एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे , उधर मुलायम सिंह यादव नाराज होकर लखनऊ से दिल्ली चले गए । मुलायम की नाराजगी इस कदर है कि दिल्ली पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर जब मीडिया कर्मियों ने गठबंधन को लेकर और अखिलेश के रवैया को लेकर सवाल पूछा तो मुलायम खामोश ही रहे ।जाहिर है जो मुलायम के दिल में है वह मुलायम कहना नहीं चाहते , और जो कहना चाहते हैं उसे बोलना नहीं चाहते । अजब है यह मुलायम का धर्मसंकट और गजब है सुपर हिट समाजवादी दंगल !
पहले ही मुलायम ने दिखाई थी नाराजगी
मुलायम सिंह यादव ने अपनी नाराजगी पहले ही बेटे अखिलेश को बता दी थी और कई बार समझाने की कोशिश भी की थी कि वह कांग्रेस से गठबंधन न करें ।लेकिन सूत्र बताते हैं की अखिलेश ने इस मामले पर पिता मुलायम की एक नहीं सुनी। यही कारण रहा कि नाराज मुलायम पार्टी के किसी हाल के कार्यक्रम में नहीं शामिल हुए ।आपको याद होगा की जब अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर रहे थे उस समय भी मुलायम सिंह यादव उसमें शामिल नहीं हुए थे । कार्यक्रम में उनके लिए एक कुर्सी तो बीच में रखी गई थी लेकिन वह खाली कुर्सी भी बाद में हटा दी गई थी । हलाकि बाद में आजम खान मुलायम सिंह यादव को लेकर समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे थे और वहां अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल के साथ मुलायम ने काफी देर बात की थी । यही नहीं मुलायम के चलते समय बहू डिंपल ने उनके पैर छूकर यह बताने की कोशिश की थी कि सब कुछ ऑल इज वेल है । लेकिन मुलायम की बातों को कोई तवज्जो ना मिलने से यह सवाल उठने लगे हैं की कहीं मुलायम को दर्शक दीर्घा में तो नहीं बैठा दिया गया है !