तो नहीं होगा सपा-कांग्रेस गठबंधन,पड़ गई दरार
एक तरफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बैठक पर बैठक चल रही थी लेकिन इसी बीच समाजवादी पार्टी ने 191 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी समाजवादी पार्टी के इस कदम से कांग्रेस पार्टी हैरान हो गई है क्योंकि इस पहली सूची में कई ऐसी विधानसभा से प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है जिस पर कांग्रेस ने अपना दावा ठोका था अभी कांग्रेस इस पर मंथन ही कर रही थी कि समाजवादी पार्टी ने 18 और उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दिए इसमें भी कई ऐसी विधानसभा शामिल है जिन पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही थी सूत्रों की माने तो कांग्रेस में इस नई परिस्थिति पर बैठक हो रही है और गहन विचार विमर्श का सिलसिला जारी है लेकिन एक बात तो तय है की गठबंधन को लेकर सपा कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है वही राजनीति के जानकार मानते हैं की अगर स्थितियां ऐसे ही रही तो सपा कांग्रेस का गठबंधन बनने के पहले ही टूट जाएगा.
सपा की लिस्ट से कांग्रेस क्यों है हैरान
दरअसल समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को यूपी चुनाव की जिन 191 और फिर 18 विधानसभा सीटों से उम्मीदवार के नाम घोषित किए हैं इन सीटों में वह सीट भी शामिल है जिन पर कांग्रेस जीत चुकी है ऐसे समय में जब सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर चर्चा चल रही थी समाजवादी पार्टी की लिस्ट आने से कांग्रेस नेता हैरान हो गए हैं बताया जाता है की सभा की लिस्ट आते ही कांग्रेस यूपी के प्रभारी गुलाम नबी आजाद और यूपी प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ कांग्रेसी नेताओं की बैठक चल रही है जिसमें कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भी मौजूदगी बताई जाती है कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार या बैठक सपा और कांग्रेस के गठबंधन के लिहाज से अहम है इस बैठक में यह निर्णय लिया जा सकता है की गठबंधन को आगे बढ़ाया जाए या तोड़ दिया जाए.
गठबंधन में क्यों पड़ी दरार
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन में दरार पड़ने के कुछ अहम कारण है समाजवादी पार्टी से पहले कांग्रेस को 90 से सो सीट देने की बात चल रही थी लेकिन अचानक समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशियों की जो सूची जारी कर कांग्रेस को सकते में डाल दिया और अब समाजवादी पार्टी सिर्फ 55 सीटें देने की बात कर रही है वही कांग्रेस पार्टी अपने गढ़ अमेठी की सीट समाजवादी पार्टी को देने के लिए कतई तैयार नहीं है जबकि समाजवादी पार्टी अमेठी सीट छोड़ना नहीं चाहती तर्क है कि इसपर समाजवादी पार्टी जीती थी लिहाजा उस पर सपा का हक बनता है यानि सपा और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर यही कहा जा सकता है की बड़ी कठिन है डगर पनघट की…