तो क्या अब सरकार और शिक्षामित्रों में होगी आर पार की टक्कर !
शिक्षामित्रों और सरकार के बीच हुई हुई बैठक बेनतीजा रही है | कोई भी झुकने को तैयार नहीं है| शिक्षामित्र चाहते है की सरकार उनको फिर से समायोजित कर ले तो वही सरकार का कहना है कि पहले आन्दोलन ख़त्म करे फिर कोई विचार किया जायेगा| आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजित शिक्षामित्रों को गैर कानूनी बताते हुए निरस्त करने के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में धरना प्रदर्शन का दौर जारी है| तो मसला यही अटक जाता है कि आखिर झुके तो झुके कौन| शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि की अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के साथ हुई बैठक में कुछ समाधान नहीं निकल सका | उनकी तरफ से कहा गया कि पहले आन्दोलन वापस हो फिर ही विचार संभव है| शिक्षामित्रों को उनके अनुभव के आधार पर वेटेज मिलेगा साथ ही यह भी कहा कि दस हजार रुपये का मासिक मानदेय भी दिया जायेगा |
पर टेट पास करना जरुरी होगा | शिक्षामित्रों की तरफ से गए प्रतिनिधि मंडल का कहना है की समान काम के लिए समान मानदेय मिलना चाहिए और हम इस प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं है | आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र शाही और उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षमित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने कहा की हमारा यह आन्दोलन जारी रहेगा | तो सवाल फिर वही आ गया कि आखिर झुकेगा कौन| तो सवाल यह भी की इस आन्दोलन का भविष्य क्या होगा | पूरे प्रदेश में अलग अलग तरह के प्रदर्शन देखने को मिल रहे है कही कपडे उतर के विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो कही सरकार की बुद्धि के लिए यज्ञ कराया जा रहा है | कई शिक्षामित्रों के आत्महत्या करने की भी खबर है तो सवाल उठता है की आखिर यह आन्दोलन किस मोड़ पर जाकर ख़त्म होगा| सवाल कई है तो इंतजार करिए प्रदर्शन के और उग्र होने का क्योकि अगर आन्दोलन का इतिहास उठाकर देखा जाये तो चाहे वह हरियाणा का जाट आन्दोलन हो या कोई और आन्दोलन जब तक बात हाथ से निकल नहींजाती है तब तक सरकार की तरफ से कोई खास पहल नजर भी नहीं आती है | तो आगे आगे देखिये होता है क्या |