फिर पुराने राह पर लौटे शिक्षामित्र, शुरू किया अर्धनग्न प्रदर्शन

बलिया। प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से नाराज शिक्षा मित्रों ने बुधवार को बीएसए कार्यालय बंद कराकर अर्द्घनग्न प्रदर्शन किया। यूपी कैबिनेट से 10 हजार रुपये मानदेय सम्बंधित पारित प्रस्ताव के खिलाफ आंदोलित शिक्षामित्रों ने आंदोलन को और उग्र करने का अल्टीमेटम दिया। शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार पर आंदोलन को जबरिया दबाने का भी आरोप लगाया।

shikshamitra without clothes

प्राशिसं के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों के साथ लुकाछिपी का काम बंद करे, अन्यथा प्रदेश के शिक्षक अपनी शक्ति का प्रयोग करने से पीछे नहीं हटेंगे। शिक्षक सृजन व विनाश दोनों का द्योतक है। सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के रवीन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार बनाना और बिगाड़ना शिक्षक जानते है। यदि शिक्षक के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया गया तो ईंट से ईंट बजा देंगे। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष सरल यादव ने कहा कि योगी सरकार ने शिक्षामित्रों का निवाला छीनने का काम किया है। आज शिक्षामित्रों के सामने तमाम समस्याएं खड़ी है, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। संघर्ष समिति के संयोजक पंकज सिंह ने कहा कि उप्र के इतिहास में पहली बार इतने कर्मचारियों को बेरोजगार किया गया है। 17 वर्ष से बेसिक शिक्षा को अमूल्य योगदान देने वाले शिक्षामित्रों को आगे-पीछे कुछ दिखाई नहीं दे रहा। सह संयोजक सूर्य प्रकाश यादव सोनू ने कहा कि सरकार ने शिक्षामित्रों को कहीं का नहीं छोड़ा है, लेकिन शिक्षामित्र भी पीछे हटने वाले नहीं है। अपने हक के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। विनोद सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों के साथ सरकार ने जो वादाखिलाफी किया है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

Report- Radheyshyam Pathak

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