होली में नहीं बजेगा डीजे ,भाजपा ने बनाया मुद्दा




DJ BAN

 

 होली का पर्व दस्तक दे रहा है लेकिन यूपी पुलिस ने तो होली का धमाल अभी से ही शुरू कर दिया है । इसमें सबसे पहले बाजी मारी है आगरा पुलिस ने । उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि आगरा ही नहीं बल्कि पूरा यूपी चुनावी मूड में है । अब लोगो को लग रहा है कि आगरा में ही नहीं यूपी भर में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है तो भला यूपी पुलिस पर किसका सुरूर है ।
यह है मामला ,जो बन गया है मुद्दा 
दरअसल होली में लोग घरों पर , चौराहों पर , पार्कों में म्यूजिक साउंड डीजे आदि बजाते है । लेकिन आगरा पुलिस ने इसे पूर्णतया बंद रखने का फरमान जारी कर दिया है| इसकी शुरुआत  थाना न्यू आगरा से हुई । यहां से एक आदेश जारी हुआ है की होली भाई चारे और हर्षोल्लास का पर्व है और डीजे और साउंड के कारण अक्सर इस त्यौहार पर व्यवधान हो जाता है इसलिए साउंड डीजे बजाना और किराए पर देना तक मना है| पुलिस के इस फरमान के बाद प्रतिक्रया होनी भी थी




और हुई भी । इसके खिलाफ जहाँ भाजपा ने विरोध करने का बिगुल बज दिया है तो वंही सत्ताधारी रही  समाजवादी पार्टी बैक फुट पर नजर आ रही है | बसपा का विरोध सीधा सादा सा है और आम आदमी सबसे अधिक परेशान नजर आ रहा है | उधर आगरा में इस आदेश के बाद बड़ी संख्या में लोग चुनाव विश्लेषक की भूमिका में आ गए है उनकी माने तो पुलिस के इस आदेश से सत्तारूढ़ पार्टी को 4 मार्च की वोटिंग में खासा नुक्सान हो सकता है । इस प्रकरण में भाजपा संसद प्रवक्ता शरद चौहान ने कहा की भाई चारे के त्यौहार पर पुलिस तानाशाही कर रही है अगर यह आदेश लागू हुआ तो भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी | हालाकि जब उनसे पूंछा गया कि यह चुनावी मुद्दा है स्थानीय स्तर पर तो उन्होंने कहा भाजपा ऐसे आदेशो को लेकर  किसी पर आरोप लगा कर चुनावी रोटियाँ नहीं सेकना चाहती पर अगर यह आदेश लागू हुआ तो विरोध भी होगा और राजनीति भी  जरुर होगी जो आगरा के लिए शुभ नहीं है ।




क्या कहते है सपा और बसपा नेता 
सपा शहर अध्यक्ष कहते है उन्हें तो इस मामले की जानकारी नहीं है । शहर से बाहर जो है वापस लौटने पर मालूम करेंगे । वैसे भी उन्होंने कहा आगरा में आचार संहिता लगी है लिहाजा उनका कुछ बोलने ठीक नहीं होगा । वंही बसपा नेता राजवीर ने कहा की यह अन्याय कोई नया नही है |अब पुलिस जनता को परेशान करने पर तुल गयी हैं ऐसे में बहन जी ही एकमात्र इलाज हैं| फिलहाल पुलिस का यह आदेश सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है और इसकी लोग अपने अपने तरीके से व्याख्या भी कर रहे है । लेकिन एक बात तो तय है कि आगरा पुलिस बे जल्दबाजी कर बड़ी चूक की है । अगर उसको इस तरह का कोई आदेश देना था तो इसे आगरा में होने जा रहे 4 मार्च के विधानसभा चुनाव की तारीख का इन्तजार कर लेना चाहिए था । मतदान  की तारीख और होली में बड़ा अंतर भी था लेकिन पुलिस ने बेवजह अपने आदेश को चुनावी मुद्दा बना दिया ।

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