क्या सुलझ पायेगी नेताजी ,गुमनामी बाबा की मौत की गुत्थी
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फैजाबाद। गुमनामी बाबा उर्फ भगवन जी की पहचान के लिए गठित एक सदस्यीय जस्टिस सहाय आयोग ने मंगलवार को यहाँ स्थित अपने कार्यालय में तीन गवाहो वरिष्ठ पत्रकार राम प्रकाश त्रिपाठी, गुमनामी बाबा के निजी चिकित्सक डा0 आर0पी0 मिश्रा के नर्सिग होम में कंपाउंडर रहे राम प्रताप यादव और गुमनामी बाबा के पूर्व मकान मालिक के पुत्र मनजीत सिंह का बयान दर्ज किए। इस मौके पर गुमनामी बाबा की पहचान स्थापित करने के लिए याचिका दायर करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय विचार केन्द्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्ति सिंह भी मौजूद थे।
राम प्रकाश त्रिपाठी ने जस्टिस सहाय को दिए अपने बयान में कहा कि वह गुमनामी बाबा के निकटतम शिष्य कष्ष्ण गोपाल श्रीवास्वत के छात्र थे और जिस दौरान यह प्रकरण हुआ, वह उनके साकेत कला केन्द्र में आईजीडी बाम्बे के छात्र थे। उनका श्री श्रीवास्तव से निकट का संबंध था। उनसे मिले संकेतो और परिस्थिति जन्य साक्ष्यो का आज तक उन्होने जो अध्ययन किया है, उससे यह प्रतीत होता है कि गुमनामी बाबा उर्फ भगवन जी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ही थे। उन्होने न्यायमूर्ति सहाय के सवालो के जवाब में कहा कि वह इस तथ्य को लेकर एक स्मारिका का प्रकाशन हिंदुस्तान समाचार के अपने कार्यकाल के दौरान कर चुके है।
दूसरे गवाह राम प्रताप यादव ने कहा कि वह न केवल गुमनामी बाबा के पैर के घाव की पट्टी करने के लिए जाते थे बल्कि उनके यहाँ दूध भी पहुचाते थे। बाबा को लखनऊवा मदिंर अयोध्या से राम भवन लाने में वह भी डा0आर0पी0 मिश्रा के साथ रहते थे। उन्होने ही उनके बक्से ढोये थे, जिसकी संख्या तकरीबन 50 से 60 के लगभग थी। बाबा उनको सीले हुए कारतूस सुखाने के लिए दिया करते थे। इन कारतूसो का वजन तकरीबन पॉच से छह किलोग्राम हुआ करता था। डा0 मिश्रा के परिवार में जो चर्चा चलती रहती थी उससे उनको यह आभास था की यह विशिष्ट व्यक्ति नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ही थे मंगलवार को बयान दर्ज कराने वाले तीसरे गवाह मंजीत सिंह ने कहा की बाबा की गतिविधिया उनके पिता को संदिग्ध लगती थी। इसी वजह से उन लोगो ने उन्हे हटाने की कोशिश की जब वह यह प्रयास कर रहे थे तब उल्टे उनको ही पुलिस ने परेशान किया। बाबा से मिलने आने वालो में तत्तकालीन डीआईजी भी शामिल थे। क्योकि उन्होने उनकी कार रात में बाबा के पास आते देखी थी। उनके पास कोलकाता से लोग 23 जनवरी को मिलने आते थे और उनका जन्मदिन मनाया करते थे।
Report- Nitin Mishra