बलिया में प्राइवेट नर्सिंग होम जिलाधिकारी का छापा, डॉक्टर के साथ पत्नी गिरफ्तार
बलिया। जिला महिला चिकित्सालय के पास एक प्राइवेट नर्सिंग होम में रविवार को जच्चा-बच्चा की मौत के बाद जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने रात करीब 10 बजे छापेमारी की। इस दौरान प्राइवेट नर्सिंग होम से जुड़े एक से बढ़कर एक फर्जीवाड़ा सामने आये। डीएम के निर्देश पर चिकित्सक डॉ. परमात्मा प्रसाद गुप्ता व उनकी पत्नी सीमा गुप्ता को शहर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। डीएम की इस कार्रवाई से अगल-बगल के प्राइवेट अस्पतालों में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि शहर में अधिसंख्य नर्सिंग होम अवैध तरीके से संचालित हो रहे है। मरीजों का आर्थिक दोहन करना इनकी नियति बन चुकी है। इस अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई से निश्चित रूप से गरीबों की जान से खेलने वाले फर्जी डॉक्टरों के मन में डर होगा। रविवार की रात्रि करीब 10 बजे जिलाधिकारी दल बल के साथ अस्पताल रोड पर स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम ‘लाइफलाइन अस्पताल’ पर पहुंच गए। उन्होंने पूरे अस्पताल व उसके अभिलेखों की बकायदा जांच की तो पाया कि अस्पताल की संचालक डॉक्टर की पत्नी ही है, जो एएनएम मात्र की ट्रेनिंग की हुई है। डीएम ने कहा कि इस तरह अवैध तरीक़े से नर्सिंग होम का संचालन कत्तई क्षम्य नहीं है। ऐसे लोग सीधे जेल जाएंगे।
मरीजों को कराया शिफ्ट
छापेमारी के दौरान अस्पताल में मौजूद मरीजों को तत्काल 108 व 102 एंबुलेंस से जिला महिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। वहां महिला चिकित्सकों द्वारा बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराई गई। जिलाधिकारी ने एक-एक मरीजों व उनके सहयोगियों से उनके स्वास्थ्य सम्बन्धी पूछताछ की। महिला चिकित्सालय में भी वार्ड में बेड तक गए और रात्रि में ही बेहतर चिकित्सा मुहैया कराई। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार पांडेय, सीएमओ डॉ. बाबू नन्दन सिंह, शहर कोतवाल शशिमौली पांडेय, महिला सीएमएस डॉ सुमिता सिन्हा समेत पुलिस बल थे।
ऐसा ही हो एक्शन
ऐसी घटना पहले भी होती रही लेकिन लापरवाह डॉक्टरों की गिरफ्तारी न करके कागजी कार्रवाई की खानापूर्ति कर दी जाती थी। इस बार बकायदा डॉक्टर व अस्पताल संचालक पर तत्काल कार्रवाई हुई और हवालात में डाल दिए गए।
अभियान चलाने के दिए निर्देश
रविवार की रात छापेमारी के बाद जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य महकमे को भी आड़े हाथों लिया। मौके पर ही उन्होंने नवागत सीएमओ बाबू नंदन सिंह को निर्देश दिया कि ऐसे अवैध तरीके से चलने वाले अस्पतालों की बकायदा जांच करें। जिनकी कागजी कार्रवाई पूरी न हो, डॉक्टर मानक पर खरे नहीं उतरते हों, ऐसे नर्सिंग बन्द होने चाहिए। इसके लिए अभियान चलाएं। किसी भी दशा में अब ऐसे मामले आए तो सबकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। साफ कहा कि अस्पताल के अगल बगल कोई दलाल तरह का घूमता हुआ दिखाई दे तो पुलिस को सूचित कर उसे पकड़वाएं।