जो दिया था तुमने इक दिन मुझे फिर वो प्यार दे दो, बेटे ने नम आँखों से दी मुखाग्नि
बलिया- पापा जिन हाथो को पकड़ कर तुमने मुझे चलना सिखाया था आज उन्ही हाथो से तुम्हे मै मुखाग्नि दे रहा हूँ. कैसे बयां करूँ मै अपना दर्द जो तेरे जाने के बाद है. अब किसको मै सुनाऊंगा अपना दुख- दर्द तेरे जाने के बाद. अब कौन पूरी करेगा मेरी हर एक मांग. कुछ ऐसा ही हाल है. शहीद जवान बृजेन्द्र बहादुर सिंह का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया लेकिन वह बलिया वालों के दिल में हमेशा जिन्दा रहेगा. शहीद के मुखाग्नि में जो कोई शामिल हुआ वह अपने आंसू नहीं रोक पाया. आँखों से आंसू बहते रहे शहीद का पार्थिव शरीर जलता रहा. बच्चे हो या बूढ़े सभी की आंखों में आंसूओं का सैलाब निकल रहा था.
आपको बता दें कि बलिया का लाल कश्मीर में देश की सुरक्षा करते हुए BSF जवान बृजेन्द्र बहादुर गुरुवार की रात पाक सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हो गया था. शनिवार को सुबह जवान का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा था. अपने लाल की झलक पाने के लिए पूरा बलिया उमड़ पड़ा. शहीद के पिता अशोक सिंह, माता राजकुमारी और पत्नी सुष्मिता सिंह का हाल बेहाल था. जवान की अंतिम यात्रा में यूपी के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा व ओमप्रकाश राजभर, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के साथ ही सांसद-विधायक के साथ हजारों लोग शामिल हुए थे.
Report- Radheyshyam Pathak