यहाँ है सिर्फ राजकिशोर सिंह नहीं है कोई पूर्व विधायक
उत्तर प्रदेश का एक ऐसी विधान सभा जिसमे कोई भूतपूर्व नहीं है जी हां हम बात कर रहे है बस्ती जिले के हर्रैया विधान सभा की जहां से चुना गया कोई विधायक भूतपूर्व नहीं। आखिर सभी पूर्व विधायक कहाँ चले गए…?
जिले की हर्रैया विधान सभा सीट पहले से ही वीआईपी सीट मानी जाती रही है। यहाँ से जितने वाले विधायक पिछले चालीस सालों से अक्सर प्रदेश सरकार में मंत्री जरूर बने है। चाहे कांगेस सरकार में सुरेंद्र प्रताप नारायण हो या बसपा के सुखपाल पांडेय या फिर मौजूदा विधायक राजकिशोर सिंह ये सभी मंत्री रहे। मगर अब यहाँ से सरकारी रिकार्ड में कोई पूर्व विधायक नहीं है जिसे सरकारी पेंशन या अन्य सहायता मिलती हो। पिछले चालीस सालों के रिकार्ड पर नजर डालें तो साल 1980 में सुरेंद्र प्रताप नारायण पांडेय कांग्रेस से चुने गए। 1985 में सुखपाल पांडेय लोकदल से, 1989 में दुबारा लोकदल से सुखपाल पांडेय। 1991 और 1993 में राम मंदिर की लहर में जगदम्बा सिंह जीते। 1996 में तीसरी बार सुखपाल पाण्डेय बीएसपी से चुनकर परिवहन राज्यमंत्री बने।
इनके बाद विधायक बदलने के सिलसिले पर विराम लग गया और शुरू हो गया मौजूदा विधायक राजकिशोर सिंह का युग। 2002 में बीएसपी सिम्बल पर चुनाव जीत कर आये राजकिशोर सिंह पहली बार विधायक बने और तत्कालीन बीएसपी सरकार में मंत्री पद मिल गया जिन्होंने पाला बदल मुलायम का साथ देकर दुबारा मंत्री बन गए। इन्ही को 2007 और 2012 में तीसरी बार जित मिली और मंत्री भी बने और पहली बार बर्खास्त भी हुए। उधर पहले सुखपाल पांडेय का निधन हो गया तो 2012 में यहाँ से पूर्व विधायक जगदम्बा सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गयी। हाल ही में 3 बार विधायक रहे सुरेंद्र प्रताप नारायण पांडेय भी 91 साल की आयु में स्वर्गवासी हो गए और हर्रैया में जीवित तीन पूर्व विधायको वाली धरती ख़ाली हो गयी और रह गए सिर्फ और सिर्फ राजकिशोर सिंह जो वर्तमान है। हालांकि तीन बार से इन्हें भूतपूर्व बनाने की कोशिश विरोधी दल कर रहे पर कोशिश कामयाब नहीं हो सकी।
इनके बाद विधायक बदलने के सिलसिले पर विराम लग गया और शुरू हो गया मौजूदा विधायक राजकिशोर सिंह का युग। 2002 में बीएसपी सिम्बल पर चुनाव जीत कर आये राजकिशोर सिंह पहली बार विधायक बने और तत्कालीन बीएसपी सरकार में मंत्री पद मिल गया जिन्होंने पाला बदल मुलायम का साथ देकर दुबारा मंत्री बन गए। इन्ही को 2007 और 2012 में तीसरी बार जित मिली और मंत्री भी बने और पहली बार बर्खास्त भी हुए। उधर पहले सुखपाल पांडेय का निधन हो गया तो 2012 में यहाँ से पूर्व विधायक जगदम्बा सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गयी। हाल ही में 3 बार विधायक रहे सुरेंद्र प्रताप नारायण पांडेय भी 91 साल की आयु में स्वर्गवासी हो गए और हर्रैया में जीवित तीन पूर्व विधायको वाली धरती ख़ाली हो गयी और रह गए सिर्फ और सिर्फ राजकिशोर सिंह जो वर्तमान है। हालांकि तीन बार से इन्हें भूतपूर्व बनाने की कोशिश विरोधी दल कर रहे पर कोशिश कामयाब नहीं हो सकी।
Report- Rakesh Giri