आप है कप्तान तो हम है कोतवाल ,संभलकर यह यूपी पुलिस है !
यूपी के एक कोतवाल ले ऐसा कुछ कर दिया है कि हमें कहना पड़ रहा है कप्तान साहब जरा संभलकर यह यूपी पुलिस है । जिसका आप भी एक हिस्सा है। लेकिन जब आपके साथ यह सब हो सकता है तो भला आम जनता की बिसात ही क्या…
यूपी पुलिस में चंद लोग ऐसे रहे हैं जिनके चलते पूरी यूपी पुलिस पर सवाल उठते रहे इस बार तो खुद पुलिस कप्तान की आपबीती है जो अपने ही क्षेत्र की कोतवाली गए तो बेचारे फस गए ।लेकिन जिला पुलिस के कप्तान पर अपनी ही कोतवाली में जो कुछ हुआ उसकी ना जाने कितनी शिकायत खुद उनके पास भी आई होगी कि साहब कोतवाल साहब सुनते ही नहीं । आपने कहा था गए तो कोतवाल साहब ने डांट कर भगा दिया।
इस बार कोतवाल साहब ने अपने कप्तान को भी नहीं बख्शा तो पूरा मामला चर्चा में आ गया नगर कोतवाल का नाम है ज्ञान सिंह यादव और यह पूरा मामला यूपी के प्रतापगढ़ जिले का है |यहां के पुलिस कप्तान रोहन पी.कनय एसपी और सीओ सिटी के साथ रात में निरीक्षण करने पहुंचे तो पता लगा कोतवाल साहब आवास में सो रहे हैं एक अदत्त मुंशी भी सोता मिला इस पर पुलिस कप्तान का नाराज होना स्वभाविक था उन्होंने नगर कोतवाल को उनके आवास से बुलाया और मुंशी के साथ उनको भी फटकार लगाई पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस कप्तान को यह शिकायत मिली थी की कोतवाली में फरियादियों के साथ अभद्रता होती है और जाने पर कोई सुनता नहीं है खास तौर पर पुलिस कप्तान इसी शिकायत की पड़ताल के लिए पहुंचे थे लेकिन जब सोता हुआ देखा तो नाराज हुए और मुंशी और कोतवाल ज्ञान सिंह यादव को निलंबित कर दिया कोतवाल यादव पर नशे में होने का भी आरोप है | मगर इसके बाद जो कुछ हुआ खुद पुलिस कप्तान को भी अंदाजा नहीं रहा होगा की उन्हीं का दरोगा इतनी बड़ी हिमाकत भी कर जाएगा दरअसल जैसे ही पुलिस कप्तान अपनी टीम के साथ कोतवाली से बाहर आए निलंबित हो चुके नगर कोतवाल ज्ञान सिंह यादव ने कोतवाली की जनरल डायरी में पुलिस कप्तान एएसपी स्वामीनाथ और सीओ सिटी के साथ साथ इनकी सुरक्षा में साथ चल रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ तस्करा लिख दिया कोतवाली की जनरल डायरी में जो तस्करा निलंबित कोतवाल शिव ज्ञान ने दर्ज कराया है ।उसमें पुलिस कप्तान समेत इन सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर आरोप है की इन्होंने बिना अनुमति के कोतवाल के आवास में घुसकर मानवाधिकार का उल्लंघन किया है| हम आपको बता दें कि हर थाने और कोतवाली में एक रजिस्टर होता है। जिसमें संबंधित थाने और कोतवाली की हर गतिविधि का समय वार अंकन किया जाता है| जैसे कौन सा मुलजिम कब लाया गया पहरा परिवर्तन कब हुआ यानी वह सबकुछ कोतवाली में होता है दर्ज किया जाता है| इसी को संबंधित कोतवाली की जनरल डायरी कहते हैं और इसमें दर्ज किए गए विवरण को तस्करा कहते हैं | अगर किसी के खिलाफ तस्करा पड़ गया तो उसकी जांच जरूरी है ।जांच के बाद इसी जनरल डायरी में एक और तस्करा पड़ेगा कि संबंधित मामले की जांच की गई और इससे संबंधित आरोप गलत पाए गए और अगर किसी मामले में जांच के बाद आरोप सही पाए जाते हैं | तो जनरल डायरी में दर्ज विवरण को प्रथम सूचना रिपोर्ट में परिवर्तित कर दिया जाता है । इस मामले में तस्करा लिखाने वाला वादी बन जाता है और जिसके खिलाफ जनरल डायरी में तस्करा लिखा जाता है वह मुल्जिम बन जाता है। यानि निलंबित किए गए नगर कोतवाल ज्ञान सिंह यादव ने जिन पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ जनरल डायरी में तस्करा लिखाया है | अब उसकी भी जांच होगी और उसका विवरण भी नगर कोतवाली के इसी जनरल डायरी में दर्ज किया जाएगा।
Report-Dheerendra Pratap Singh