वैध पशु वधशाला खोलने की जारी हुई यह गाइड लाइन,जानकर उड़ जाएंगे होश




Slaughterhouse

वैध पशु वधशाला खोलने के सम्बन्ध में अब यूपी के जिला प्रशासन ने गाइड लाइन जारी कर दी है। वैध पशु वधशाला नगर पालिका /नगर निगम /ग्रामीण क्षेत्रो में जिला पंचायत व्यक्तिगत तौर पर खोलने के लिये जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया जा सकता है। जिसमें पुलिस विभाग, प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, स्थानीय निकाय व पशुपालन विभाग अपनी एनओसी देगा। उपरोक्त विभागों से सहमति प्राप्त होने पर जिलाधिकारी द्वारा स्लाटर हाउस निर्माण की स्वीकृति इस शर्त के साथ प्रदान की जाएगी कि आवेदन कर्ता स्लाटर हाउस नियम  2001 में वर्णित दिशा निर्देषों के अनुरुप स्लाटर हाउस तैयार करेेगा। स्लाटर हाउस के निर्माण के बाद पुनः उपरोक्त विभागों द्वारा अपनी आख्या में स्पष्ट करना होगा कि पूर्व में दिये गये निर्देषों के अनुरुप स्लाटर हाउस तैयार है और संचालन की संस्तुति की जाती है। इस संबंध में अन्तिम निर्णय जिलाधिकारी का होगा।




जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद आवेदक निदेशक  पशुपालन से पशु  चिकित्सक नियुक्त करने के लिये आवेदन करेगा और पशु  चिकित्सक की देखरेख में स्लाटर हाउस चलेगा और वह पशुओ का परिवहन , स्लाटर, स्टोरेज एवं लोकल उपयोग या एक्सपोर्ट  अधिनियमों एवं नियमों के अनुरुप कार्य करायेगा जो कार्य नियम विरुद्ध होगा उसे रुकवायेगा। तद्पोरान्त फूड सेफ्टी, जिला पंचायत /नगर निगम/नगर पंचायत/नगर परिषद आपस में समन्वय बनाकर पशुवध करने एवं उत्पादित मीट /मांस को बिक्रय करने हेतु संबंधित बिक्रेताओं को लाईसेन्स निर्गत करेगा। साथ ही पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण वधशाला नियम 2001 का अनुपालन कराते हुये पशु पालन विभाग के पशु चिकित्सक की देखरेख में पशु वध का कार्य सम्पन्न किया जायेगा एवं मीट को बाजार में आम व्यक्तियों के उपयोग हेतु निर्गत किया जायेगा। मुरादाबाद के जिलाधिकारी जुहैर बिन सगीर ने बताया कि पशु वध शालाओं पर कार्यरत पशु  चिकित्साविधों हेतु चेक प्वाइंट भी प्रिवेन्टेषन आॅफ क्रूयल्टी टू एनीमल (स्लाटर हाउस रुल 2001) के अनुसार बनाये हैं। जिसमें जिसके अनुसार पशु वध किये जाने वाले स्थान का पंजीकरण होना आवश्यक  हैं ।




प्रदेश में गौवंश एवं उसकी संस्तुति के वध पर पूर्णतया प्रतिबंध हैं । किसी भी प्रेग्नेंट  पशु का वध नहीं किया जायेगा । ऐसे पशु का वध नहीं किया जायेगा जिसके बच्चे की उम्र 3 माह से कम हों  और किसी ऐसे पशु का भी वध नहीं किया जायेगा जिसकी उम्र 3 माह से कम हो। वध से पूर्व प्रत्येक पशु का स्वास्थ परीक्षण अवश्य  किया जाये। वध किये जाने वाले पशुओं का स्वास्थ परीक्षण 24 घण्टे से पूर्व किया जायेगा। परीक्षणोपरान्त वध योग्य पशु को एक स्थान पर संरक्षित रखा जायेगा जहां पर एक पशु को खडे होने के लिये कम से कम 2.8 वर्गमीटर की जगह होनी चाहिये। पशुओं के पीने के लिये पानी, दूध , वर्षा, शीत हवाओं से बचाने की व्यवस्था के साथ-साथ पशुओं के चिकित्सा व्यवस्था भी होगी और योग्य पशुओ का फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा। प्रत्येक पशु चिकित्सा विध एक घण्टे में 12 पशु का स्वास्थय चेक किया जा सकता है। एक पशु चिकित्सक एक दिन में 96 पशु का परीक्षण कर सकता है। पशु वध किये जाने वाले स्थान का पंजीकरण होना आवश्यक है।




अन्यथा अन्य किसी स्थान को अवैधानिक व गैर कानूनी माना जायेगा।  उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं  औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के विनियम 2011 (2-1-2 (1) (5) के अंतर्गत मांस बिक्रय हेतु लाईसेन्स /रजिस्ट्रेशन के लिये नियम व शर्ते निर्धारित हैं। संबंधित विभागों की एनओसी के साथ-साथ कारोबार कर्ता का मेडिकल सर्टिफिकेट सीएमओ /सीएमएस निर्गत करेंगे। काटे जाने वाले जानवर का स्वास्थ प्रमाण पत्र पशु चिकित्सा अधिकारी निर्गत करेंगे और मीट की दुकान किसी भी धार्मिक स्थान पर 100मीटर की दूरी पर होनी चाहिये। दुकान में 5 फिट की ऊंचाई तक टाइल्स लगी हो व पक्का फर्श , साफ सफाई होना जरुरी है । दुकान के सामने गेट पर चिक तथा काले शीशेे का दरवाजा लगा हो , दुकान के अन्दर पशु , बकरा, या पक्षी , मुर्गा नहीं काटा जायेगा। दुकान में डीप रेफरीजरेटर होना आवष्यक है जिसमें कटा हुआ तैयार मीट बिक्रय हेतु रखा जायेगा। मीट का कपडे में लपेटकर रखना निषेध है। केवल प्राधिकृत स्लाटर हाउस से ही मीट लेना है तथा उसके सभी लिखित साक्ष्य अपने पास रखने होंगे। दुकान में बैन्टीलेसन लगा हो तथा एग्जास्ट फैन भी लगा हो , ढक्कन वाले कूडेदान की भी व्यवस्था होनी चाहिए तथा स्लाटर हाउस में क्रूरता नहीं होनी चाहिये। सभी उपकरण औजार एवं दुकान की धुलाई प्रत्येक दिन गर्म पानी से होना आवश्यक है।

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