शहीदों का दिन , शहीदों से जुडी कुछ दिलचस्प बातें
आज का दिन यानि 23 मार्च यह वही दिन है जब देश के वीर सिपाही देश के लिए फाँसी पर झूल गए थे | 23मार्च 1931 का वो दिन भारत के इतिहास का ऐसा दिन था जिसे कोई भुला नहीं सकता है जिसे देश हमेशा याद रखेगा | इसी दिन भारत के क्रांतिवीरों का मनोबल तोड़ने के लिए राजगुरू जी , सुखदेव जी और सरदार भगत सिंह जी को फाँसी दे दी गई थीं | जिस आजादी के लिए वो अमर क्रांतिवीर हँसते हँसते फाँसी के तख्ते पर झूल गये थे | देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी | आज़ादी के बाद हम उस आज़ादी की कीमत नहीं समझते है | हम वक़्त के साथ शहीदों के बलिदानों को भूलते जा रहे हाई | सोचने वाली बात यह भी है कि आजादी के लिए 7,32, 000 क्रांतिकारीयों ने 1857 से 1947 तक अपने प्राणों की आहुति दी थी |
शहीदों को समर्पित यह चंद पंक्तिया जरूर पढ़िए –
तीन युवा परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा,
वो हंस रहे थे मगर पूरा हिन्दुस्तान रो पड़ा…
जिए तो खूब जिए और मरे तो खूब मरे,
महाविदाई पर सतलुज का श्मशान रो पड़ा…
गर्दनों के गुलाबों ने किया माँ का अभिषेक,
ओज भरी क़ुरबानी पर सारा जहान रो पड़ा…
:'( शहीदों को अश्रुभरी श्रध्धांजली :'(
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शहीदों को श्रधान्जली दी |
Remembering Bhagat Singh, Rajguru & Sukhdev on the day of their martyrdom. India will never forget their courage & sacrifice.
— Narendra Modi (@narendramodi) 23 March 2017