गायत्री प्रजापति पर मां बेटी से बलात्कार का मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश




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समाजवादी पार्टी के करीबी मंत्री गायत्री प्रजापति के ऊपर कभी भी महिला और उसकी बेटी से गैंग रेप करने और उनका अश्लील वीडिओ बनाकर शारीरिक शोषण करने का मुकदमा दर्ज हो सकता है . यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के बीच ही समाजवादी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है . शिवपाल यादव के बाद अखिलेश के करीबी हो गए गायत्री प्रजापति पर एक महिला और उसकी बेटी का यौन शोषण करने का आरोप है . बताया यह भी जा रहा है कि गायत्री ने महिला और उसकी बेटी की अश्लील फोटो ग्राफ भी तैयार कराये थे जिनके जरिये वह लगातार उनका शारीरिक शोषण करता रहा . महिला लगातार इसकी फ़रियाद स्थानीय पुलिस से लेकर डीजीपी तक फरियाद करती रही . लेकिन डीजीपी कहते रहे पहले मुख्यमंत्री जी से पूँछ ले . अगर यह सच है तो अखिलेश के इस दावे का क्या होगा कि ” काम बोलता है ” . अब जनता उनसे सवाल नहीं करेगी कि अखिलेश जी क्या यही काम बोल रहा है. गायत्री प्रजापति अमेठी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार है और अखिलेश जनसभा के जरिये उन्हें अच्छा प्रत्याशी बता जिताने की अपील कर चुके है ..




अब क्या होगा सपा के चहेते मंत्री का …

पीड़ित महिला स्थानीय पुलिस से लेकर डीजीपी तक फ़रियाद लगाती रही लेकिन उसकी कंही सुनवाई नहीं हुई इसको सुप्रीमकोर्ट ने गंभीरता से लिया है और तल्ख़ टिप्पणी की है . गायत्री प्रजापति के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी प्रभावशाली है, तो इसका मतलब यह नहीं हो सकता कि पुलिस एफआईआर भी दर्ज न करे. सुप्रीमकोर्ट ने योन शोषण के इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है . सुप्रीमकोर्ट ने यूपी पुलिस से इस पूरे मामले पर आठ हफ्ते में जवाब तलब किया है . उधर पीड़ित महिला को अब गायत्री के सरकारी रसूख के चलते यूपी से ही डर लगता है इसलिए वह यूपी के बाहर रहती है और उसकी बेटी इतने सदमे है कि उसका एम्स में इलाज चल रहा है .

चहेते मंत्री को कैसे बचाती रही यूपी सरकार और पुलिस 

समाजवादी पार्टी में बिग बॉस के करीबी गायत्री प्रजापति पर यूपी सरकार की ऐसी  कृपा रही कि यूपी पुलिस सबकुछ जानते हुए भी महज मूकदर्शक बनी रही . डीजीपी मुख्यमंत्री से बात करने की बात कहकर पीडिता को टालते रहे तो गायत्री अपने रसूख का हवाला देकर धमकाते रहे . पीडिता के वकील ने सुप्रीमकोर्ट में यूपी सरकार और पुलिस दोनों का सच सामने ला दिया . वकील ने कोर्ट को बताया कि पीड़ित महिला को मंत्री गायत्री प्रजापति ने राजनीति में चमकाने और कैरियर सवारने के नाम पर लखनऊ बुलाकर उसके साथ बलात्कार किया . इस पूरी घटना की मंत्री ने वीडिओ और तस्वीरे बना ली . इन्ही के दम पर वह लगातार 2 सालो तक लगातार बलात्कार करता रहा . लेकिन जब गायत्री ने महिला की 14 साल की नाबालिक लडकी से बलात्कार की कोशिश की तो उसने इसकी शिकायत 7 अक्टूबर 2016 को डीजीपी से की , तो डीजीपी ने जबाब में महिला से कहा वह मुख्यमंत्री से पूंछेंगे . इसके बाद जब सुप्रीमकोर्ट ने यूपी पुलिस को नोटिस दिया तो गायत्री को बचाने के लिए सुप्रीमकोर्ट में भी अजीबोगरीब हलफनामा दे दिया . जिसमे यूपी पुलिस ने कहा था कि महिला ने शिकायत देर में की है इसलिए मुकदमा दर्ज नहीं कर रहे है . ऐसा पुलिस पर किसका दबाव था की पुलिस ने गैरकानूनी हलफनामा तक गायत्री प्रजापति को बचाने के लिए सुप्रीमकोर्ट तक में झूठा हलफनामा दे दिया . 

सपा सरकार की मेहरबानी से बन गए अरबपति 

प्रापर्टी डीलिंग का काम करने वाले गायत्री प्रजापति ने जब 2012 में अमेठी विधानसभा से चुनाव लड़ते समय हलफनामा दाखिल किया था उसमे 1 करोड़ 70 लाख की कुल संपत्ति बताई थी . लेकिन सरकार में पांच साल रहने के दौरान गायत्री ने एक अरब से अधिक की अवैध संपत्ति जुटा ली . गायत्री पर कई बार अवैध खनन के काले कारोबार में संलिप्त होने के आरोप लगे लेकिन यूपी सरकार में उनके रसूख के सामने सब बेअसर रहे . 

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