चुनाव आयोग के शिकंजे में गायत्री प्रजापति , टिकट पर भी संशय
मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी गायत्री प्रजापति के टिकट को लेकर संशय बरकरार है हालांकि समाजवादी पार्टी ने अमेठी से उनके नाम की घोषणा तो कर दी है लेकिन इस सीट पर कांग्रेस के दावे को देखते हुए गायत्री प्रजापति की इस सीट को लेकर संशय बरकरार है वहीं चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में उन्हें नोटिस भेज दी है यह नोटिस भारी मात्रा में साड़ी पकड़े जाने के बाद जारी किया गया है आपको याद दिला दें की कुछ दिन पहले फतेहपुर में ट्रक में लदी साड़ी पकड़ी गई थी ट्रक में लदी 4000 साड़ियों के कागजात गायत्री प्रजापति के नाम थे यही नहीं इसी के कुछ घंटे बाद गायत्री के एक करीबी शख्स के यहां बड़ी संख्या में साइकिले पकड़ी गई थी अब चुनाव आयोग ने उन्हें इन्हीं बिंदुओं पर 23 जनवरी तक अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
गायत्री प्रजापति यूपी की अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे और विवादों के चलते लगातार सुर्ख़ियों में भी रहे अखिलेश यादव ने इन्हें मंत्रिमंडल से हटा भी दिया था लेकिन बाद में वापसी भी हो गई और कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी यह अलग बात रही की उन्हें दोबारा परिवहन मंत्री बनाया गया था गायत्री प्रजापति अमेठी विधानसभा से जीत कर विधायक बने थे और इन्हें खनन मंत्री जैसे मलाईदार मंत्रालय से नवाजा भी गया था सूत्रों की माने तो गायत्री प्रतीक यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं इसीलिए वह मुलायम सिंह यादव के भी करीबी हैं
गायत्री प्रजापति ने पिछला चुनाव अमेठी विधानसभा से जीता था और उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी रानी अमिता सिंह को हराया था अब रानी अमिता सिंह और उनके पति संजय सिंह दोनों ने यह कहकर गायत्री के लिए दुविधा खड़ी कर दी है की अमेठी की सीट पर कांग्रेसी चुनाव लड़ेगी जबकि गायत्री ने पलटवार करते हुए कहा था की कांग्रेस से गठबंधन तो होगा लेकिन चुनाव वही लड़ेंगे अब जबकि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हो चुका है ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस अमेठी सीट को लेकर जिद पर अड़ी तो गायत्री के लिए मुश्किल खड़ी होना तय है।