चुनावी शोर संग ‘लगन’ का जोर, बच्चे कैसे पढ़े !





Loud noise during election and marriage how child read

बलिया। चुनाव बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं प्रारंभ होने वाली है। छात्रों के भविष्य से जुड़ी यह परीक्षाएं सिर पर है। इसी दौरान शहर से लेकर गांव तक जोर-शोर से चुनावी प्रचार कर रहे लाउडस्पीकर तथा शादी विवाह में बज रहे डीजे एवं बैंड बाजे कोलाहल अधिनियम का सरेआम उल्लंघन कर रहे है। जिससे परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए यह ध्वनि विस्तारक यंत्र सरदर्द बना हुआ है। चाहे जिला प्रशासन हो या क्षेत्रीय कोई भी इस मामले में प्रभावी कदम उठाते नहीं दिख रहा है। कुछ लोग तो यहां तक कहने लगे है कि तमाम मामलों पर हस्तक्षेप करने वाली पुलिस डीजे व अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के खिलाफ क्यों नहीं कदम उठा रही। स्थिति यह है कि बिना चुनावी मौसम तथा बारात के भी आयोजन से पहले ही डीजे बजते देखे जा रहे हैं।




प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के मुताबिक इन ध्वनि विस्तारक यंत्रों से उत्पन्न होने वाले शोर की आवृत्ति दिन में 65 डेसीबल और रात में 55 डेसीबल होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। दिन और रात को धूम धड़ाके के साथ डीजे और बैंड बाजे बजते हुए देखे जा सकते है। बावजूद इसके प्रशासन मौन है। सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश है कि रात में दस बजे से सुबह छ: बजे तक तेज आवाज में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग न किया जाए। बावजूद इसके दिन में और पूरी रात तेज आवाज में डीजे और ध्वनि विस्तारक यंत्र बहुतायत में प्रयोग किये जा रहें हैं। जिससे आमजन के साथ-साथ छात्रों को परीक्षा के समय काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आश्चर्य तो तब होता है जब थानों के सामने से तेज आवाज में बजते हुए ट्रैक्टर समेत प्राइवेट वाहन मस्ती में निकल जाते है और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। इस संबंध में परीक्षार्थियों का कहना है कि हमारी परीक्षाएं सिर पर है और क्षेत्र में कोलाहल अधिनियम का बेखौफ उलंघन हो रहा है। नियम तोड़कर ऊंची आवाज में डीजे और बैण्ड बाजे बजाए जा रहें है। जिला प्रशासन को अविलंब कड़े कदम उठाने की मांग क्षेत्रीय जनता ने की है

Report- Radheyshyam Pathak  

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