छोटी सी चिंगारी से यूँ जला बलिया, सिकंदरपुर बवाल की पूरी कहानी
बलिया- आम तौर पर इत्र की खुश्बू में मदमस्त सा रहने वाला सिकन्दरपुर आज सन्नाटे की गिरफ्त में सिमटा हुआ है. हर तरफ पुलिस की गाड़ियों के हूटर की आवाजे सुनाई पड़ रही है. हर घर के दरवाजे बंद है. दुकानों पर ताले लटके हुए है. कस्बे में करर्फू जैसे हालात है. इत्र की खुश्बू को हुटरों के शोर ने चीर डाला है . जो अपने घरों से निकलना भी चाहते है उनको पुलिस के जवान अन्दर वापस भेज दे रहे है. जो सिकंदरपुर गुलाब की ठंडी एवं मीठी खुश्बू से सराबोर रहता था वह अब आग की लपटों में झुलस चूका है. जो लोग एक दूसरे से भाई चारे के साथ रहते थे वही एक-दूसरे पर पत्थरबाजी क्यों करने लगे. इस कांड के बाद से ही इलाके ने दहशत का माहौल फ़ैल गया जिससे कुछ लोग पलायन को मजबूर हो गये है. अब सिकन्दरपुर को उसकी शांति वापस चाहिए.
क्या रही चिंगारी को शोला बनाने की वजह
बलिया के सिकंदरपुर में हुई इस पूरे बवाल पर अगर नजर डालें तो इसमें चिंगारी शनिवार की रात को उठी, जिसने शोला का रूप ले लिया और सब कुछ जला डाला. कस्बे में मेला देखने जा रही कुछ महिलाओं से मनचलों ने छेड़खानी की और जब उनके साथ जा रहे युवक ने इसका विरोध किया तो उसकी भी पिटाई की गयी. इसी के बाद मामले की नीव पड़ गयी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से पत्थरबाजी की गयी. पुलिस ने मौके पर पहुँच कर मामले को शांत कराया. अगले दिन रविवार को जिलाधिकारी सुरेन्द्र विक्रम व पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार रविवार को सिकन्दरपुर पहुँच कर नागरिकों को शांति बहाल रखने की शपथ दिलाई. जिसके बाद लगा सब कुछ शांत हो गया. लेकिन अन्दर ही अन्दर चिंगारी सुलग रही थी. शाम के समय सुलग रही चिंगारी शोला बनकर भड़क गयी और सब कुछ जला डाला. गुलाब की नगरी बदरंग हो गयी. अब गलियों में पुलिस की बूटों की आवाजें गूज रही थी. घरों के अंदर बंद लोग डरे-सहमे किसी तरह सब कुछ शांत होने की प्रार्थना कर रहे थे . इलाके में धारा 144 लगा दी गयी थी. अब धीरे- धीरे हालात शांत हो रहे है. मंडलायुक्त के. रविन्द्र नायक व डीआईजी विजय भूषण के साथ साथ डीएम सुरेन्द्र विक्रम व एसपी अनिल कुमार कस्बे में कैम्प कर रहे है. प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है और हर एक छोटी घटना पर उसकी नजर है. पुलिस व पीएसी के जवान अभी इलाके में डटे है. मामले में 28 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. चौकी इंचार्ज और एसओ पर कार्यवाही हो चुकी है. काश यही जिम्मेदारी प्रशासन ने पहले निभाई होती तो ऐसी घटना को रोका जा सकता था.
Report- Radheyshyam Pathak