कस्तूरबा के बच्चो की अपील मत चूको अधिकार
वह आजादी की नायिका थी , खुद की न कोई जिन्दगी न कोई खुशी , न ही कोई शानोशौकत ,और न ही खुद की पहचान स्थापित करने की कोई लालसा , बस इच्छा थी तो केवल एक हिन्दुस्तान को आजाद होते हुए देखना और ऐसे लोकतंत्र की स्थापना जिसमे हर व्यक्ति की राय हो और उसी राय से वह सरकार बने जो उनके लिए काम करे. वह बा थी यानि कस्तूरबा गांधी .भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी . उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में कस्तूरबा गांधी के बच्चो ने ऐसा कुछ किया कि लगा जैसे वह उस मिशन को आगे बढ़ा रही हो जिसके सपने खुद कस्तूरबा देखा करती थी .आप कहेंगे कस्तूरबा के सपने तो पूरे हो गए है देश भी आज़ाद हो गया और देश में लोकतंत्र भी स्थापित हो गया है फिर ये बच्चे किस मिशन को आगे बढ़ा रही है जो कस्तूरबा गांधी का सपना था , हम आपको बताते है कि महात्मा गांधी कहते थे कि लोकतंत्र का मतलब है जनता की सरकार , यानि वह सरकार जिसे हम और आप चुने , जनता को ही अधिकार हो सरकार बनाने का और अगर सरकार काम न कर रही हो तो उसे बदल देने का …कस्तूरबा गांधी के बच्चो ने बस्ती जिले में लोगो को इसी अधिकार की याद दिलाई और अपील करते हुए बस यही कहा मत चुको अपना अधिकार … करो और करो मतदान .
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बनकटी के परिसर मे ध्वजारोहण कर इसकी शुरुआत की गई .इसके बाद बच्चे अपने से बड़ो को उनके अधिकारों की याद दिलाने के लिए निकल पड़े उनके साथ थे अरुण पाण्डेय , कैप्टन सत्या पाण्डेय यह देखने के लिए कि लोगो को उनका अधिकार याद दिलाते बच्चे कंही सड़क पर खुद लापरवाह न हो जाए , क्योकि यही कल के भारत के भविष्य जो है ..
Report- Giri