
अम्बेडकर नगर में माफिया से ब्लाक प्रमुख बने अजय सिपाही सपा से टिकट न मिलने से नाराज होकर सपा से किनारा कर लिया और कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से पीस पार्टी और निषाद एकता के संयुक्त प्रत्यासी घोषित किये गए हैं|अजय सिंह उर्फ़ अजय सिपाही के कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्यासी घोषित किये जाने के बाद माना जा रहा है कि यहाँ से सपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं प्रशासन की तरफ से अजय सिपाही के खिलाफ गुंडा ऐक्ट की कार्यवाही प्रस्तावित होने के बाद भी बिना अनुमति के अपने सैकड़ों समर्थकों और दर्जनों गाड़ियों के साथ अजय सिपाही ने जिला मुख्यालय पर एक कार्यक्रम करते हुए प्रेस वार्ता भी की लेकिन जिस तरह से अजय सिपाही ने खुले आम आचार संहिता की धज्जियाँ उड़ाते हुए जिला मुख्यालय पर सैकड़ों समर्थकों के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया और प्रशासन की तरफ से कोई मौजूद नहीं रहा उससे साफ़ तौर पर यह देखा जा सकता है कि प्रशासन आचार संहिता के पालन कराने को लेकर कितना गंभीर है | सवाल तो प्रशासन पर भी उठता है की खुद प्रशासन भी आचार संहिता की धज्जियाँ उडाता है पढ़े हमारी यह रिपोर्ट–
पति भये अफसर तो डर काहे का
अपनों पे करम गैरों पे सितम जी हाँ कुछ इसी अंदाज में अम्बेडकरनगर का प्रशासन काम कर रहा है । अचार संहिता लागू होने के बाद जहां प्रशासन पुरी तरह मुस्तैद हो गया है वाहनों की चेकिंग हर नुक्कड़ नुक्कड़ हो रही है । नीली बत्ती लगी गाडी हो या काली फिल्म लगी गाडी सभी पर कारवाही की की जा रही है । जहां हर कोई आदर्श अचार संहिता का पालन कर रहा है ,पर वही चाहे अचार संहिता लगी हो या कुछ और , यहां के अधिकारियों के परिवार वाले खुले आम नीली बत्ती का प्रयोग कर रहे है और धड़ल्ले से खुल कर अचार संहिता का मजाक उड़ा रहे है । इनको पूछने वाला कोई नहीं ।
अम्बेडकरनगर नगर जिले के जलालपुर तहसील में तैनात एसडीएम विवेक पर अचार संहिता का कोई फरक नहीं पड़ता इनकी घरेलू गडिया धड़ल्ले से नीली लगा कर जिले भर में फर्राटा भर रही है । उनकी मैडम ( वाइफ ) रूचि जो टांडा तहसील में GGIC में बतौर टीचर है । वे अपनी गाडी में मजिस्ट्रेट की प्लेट और नीली बत्ती लगा कर ही कालेज आती है जो चर्चा का विषय बना हुआ है । पर इस गाडी को कोई अधिकरी की हिम्मत नहीं की चेक कर ले । अचार संहिता लगने के बाद भी रूचि मैडम इसी नीली बत्ती लगी गाडी से कालेज आती है और दबंगई से गाडी को सड़क के किनारे ही खड़ी करती है ।
आप हैरान न हो आप खुद ही सुन लीजिये मैडम की गाडी के ड्राइवर की बात । जब हमने अधिकारी से पूंछा की क्या किसी अधिकारी के परिवार का कोई भी नाली बत्ती का प्रयोग कर सकता है । उन्होंने ने बताया की जो अधिकारी है वही नीली बत्ती का प्रयोग कर सकता है । दूसरा कोई चलता है तो गलत है । पर रोड पर फर्राटा भर रही अधिकारियों को ये गाडी नहीं दिखाई पड़ती । दिखाई भी कैसे पड़े ये तो अपनो पे करम और गैरो पे सितम करने वाले जो है ।
Report-Syed Shabi Abbas
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