नेताओं की परम्परा के नाम पर छिना घर का सहारा
राजनीति और राजनेताओं की अजब परंपरा है| चुनावी माहौल में नेता अस्पताल में जँहा यह पता करते रहते है कि उनके क्षेत्र का कोई बीमार तो नहीं है | पता लगते ही वह वोट की लालसा में अस्पताल और उसके दुःख दर्द में हिस्सेदारी करने पहुँच जाते है लेकिन अगर उनके कारण कोई अस्पताल पहुंचा तो ऐसे अनजान बनते है कि जैसे उन्हें कुछ पाता ही नहीं है | फैजाबाद के मसोधा क्षेत्र में नेताओं के काली सफारी के काफिले ने एक व्यक्ति को कुचल दिया और भाग खड़े हुए| उसको लोग टैम्पो में लादकर अस्पताल लाये जँहा इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी |मृतक के परिजन राजनीतिक नेताओं के काफिले को मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे है |
लेकिन कोई भी राजनेता उनका दुःख दर्द पूंछने अस्पताल दिखाई नहीं दिया | मृतक मिश्रीलाल कुछ सामान लेने अपने घर से बाजार आ रहा था | रास्ते में उसको काली सफारी के एक काफिले ने जोरदार टक्कर मार दी | टक्कर इतनी जोरदार थी कि वह उछल कर दूर जा गिरा लेकिन सफारी सवार लोग भाग खड़े हुए | सफारी सवार नेताओं ने इतनी भी जहमत नहीं उठाई की घायल का हाल चाल ले लें और अस्पताल तक पंहुचा दें| परिजनों का आरोप है कि यह काफिला राजनीतिक पार्टी के समर्थको का था | अस्पताल लाने के बाद जब परिजनों को मिश्रीलाल की मौत की खबर मिली तो वह रोने बिलखने लगे| परिजनों ने पुलिस से इसकी शिकायत की है पर जानकरी के मुताबित अभी तक मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है | शायद पुलिस को किसी और की मौत का इन्तजार है ..
लेकिन कोई भी राजनेता उनका दुःख दर्द पूंछने अस्पताल दिखाई नहीं दिया | मृतक मिश्रीलाल कुछ सामान लेने अपने घर से बाजार आ रहा था | रास्ते में उसको काली सफारी के एक काफिले ने जोरदार टक्कर मार दी | टक्कर इतनी जोरदार थी कि वह उछल कर दूर जा गिरा लेकिन सफारी सवार लोग भाग खड़े हुए | सफारी सवार नेताओं ने इतनी भी जहमत नहीं उठाई की घायल का हाल चाल ले लें और अस्पताल तक पंहुचा दें| परिजनों का आरोप है कि यह काफिला राजनीतिक पार्टी के समर्थको का था | अस्पताल लाने के बाद जब परिजनों को मिश्रीलाल की मौत की खबर मिली तो वह रोने बिलखने लगे| परिजनों ने पुलिस से इसकी शिकायत की है पर जानकरी के मुताबित अभी तक मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है | शायद पुलिस को किसी और की मौत का इन्तजार है ..
Report- Drishtant Hem