मुस्लिमो की घर वापसी या हो रहा है धर्म परिवर्तन
फैज़ाबाद के आर्यसमाज मंदिर में मुस्लिम धर्म के बच्चे , औरते और पुरुष समेत 22 लोगो की घर वापसी कराई गई है. सवाल यह है कि यह घर वापसी है या फिर धर्म परिवर्तन . यह सभी योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले के जहागीर गंज क्षेत्र के रहने वाले है.इनके पूर्वज हिन्दू थे और लगभग 20 से 25 साल पहले इन सभी ने किन्ही कारणों से मुस्लिम धर्म ग्रहण कर लिया था.इसमें बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल रहे. अब सिर मुंडन , जनेऊ संस्कार और वैदिक मंत्रोच्चार के बाद भगवा वस्त्र में हवन -पूजन और मंदिर की परिक्रमा के बाद इन सभी को हिन्दू धर्म की दीक्षा दी गई है.इसके बाद सभी ने जय श्री राम के जयघोष किये और इसी के साथ इनका नाम , धर्म और पूरे रीति रिवाज और संस्कृति ही बदल गई .
यह पूरा कार्यक्रम बहुत ही गोपनीय तरीके से आर्यसमाज मंदिर में किया गया । इसीलिए इनको अम्बेडकरनगर जनपद से 80 किलोमीटर दूर से लाकर फैज़ाबाद के आर्यसमाज मंदिर में मुस्लिम धर्म अपना चुके इन परिवारों की घर वापसी कराई गई है । जिन लोगो को घर वापसी के नाम पर हिन्दू धर्म की दीक्षा दी गई है वह अत्यंत गरीब है और किसी तरह अपना गुजारा करते है । हिंदुओ में यह अनुसूचित जाति से आते है । यूपी में योगी सरकार आने के बाद अब इनको उन्नति के सपने दिखाए जा रहे है । आर्य समाज मंदिर के पुरोहित कहते है कि इनको हिन्दू धर्म की विधिवत दीक्षा दे कर हिन्दू बनाया गया है .
आर्य समाज मंदिर के पुरोहित सौमित्र पाण्डेय कहते है वेद मंत्रो से पूजित कराते है ,चन्दन तिलक लगाते है हवन पूजन कराते है और यह प्रतिज्ञा कराते है कि मै मांस , मदिरा और अंडा नहीं खाएंगे और आर्य संस्कृति का पालन करेंगे . अब यह हिन्दू है आर्य दीक्षित .
बदले नाम के साथ बदल गया धर्म , संस्कृति और रीति रिवाज और पूरा समाज
वंही मुस्लिम धर्म से हिन्दू बनने वालो में कई बच्चे भी शामिल है जिनको यह पाता ही नहीं कि यह हो क्या रहा है . उनको यह तो मालूम है कि पहले उनका नाम दूसरा था अब नाम दूसरा हो गया है . लेकिन उनको यह नहीं मालूम कि पहले वाला नाम मुस्लिम धर्म का था और अब जो नया नाम उनको मिला है वह हिन्दू है . घर वापसी क्या है यह उनकी समझ से परे की चीज है .
घरवापसी करने यानि मुस्लिम धर्म से हिन्दू धर्म ग्रहण करने वाले छोटे -छोटे बच्चे आदर्श और ज्योति और सुमित कहते है – पहले नाम सलीम था और अब आदर्श , घर वापसी के बारे में सिर्फ ना में सर हिलाता है . दूसरी बच्ची कहती है नाम पहले सलमा था अब ज्योति लेकिन घर वापसी के बारे में वह भी न में सर हिलाती है . तीसरा बच्चा कहता पहले नाम मुन्ना था अब सुमित है वह भी घर वापसी के बारे में न में सिर हिलाता है .
मुस्लिम धर्म से हिन्दू धर्म में वापसी करने वाले लोगो की माने तो उनके पूर्वज किन्ही कारणों से मुस्लिम बन गए थे लेकिन अब वह अपने उस धर्म में वापस लौट रहे है जो वह पहले रहे थे . हमने ऐसे ही कुछ लोगो से बात की . लालमन कहते है हमारे पिता जी हिन्दू धर्म मानते थे बाद में बहकावे में वह मुस्लिम धर्म में हो गए . हमारा नाम लाल मोहम्मद रख दिए अब बाद में हमने अपना नाम लालमन रख लिया . अब जिस धर्म में हमारे पिताजी पहले मानते थे उसी धर्म को मानने के लिए तैयार है . राजित राम कहते है मेरे पिता जी का नाम छब्बू लाल था मेरा नाम उन्होंने गुलाम मोहम्मद रखा . बाद में निकाह हुआ . हम जो पहले धर्म था हिन्दू वह बन गए हिन्दू बन गए न हमें कोई लालच है और न कोई डर है हमको .
रीना कहती है ,पहले मायके में रूमा नाम था अब रीमा है , ससुराल आने के बाद मन बदला मन किया कि हिन्दू में रही हिन्दू बन गए . संगीता कहती है पहले सलमा नाम था जब यंहा आये तो संगीता नाम रख उठा . शादी मुस्लिम से हुई थी तो मुस्लिम बन गए थे . अब पहले जो पिता माता रहें वही हो गए हिन्दू , बच्ची के नाम भी मेरी पहले साज्मा था अब अंजली हो गया . वंही इनको हिन्दू धर्म में वापसी कराने वालो की माने तो यह धर्म परिवर्तन नही बल्कि घर वापसी है । उस धर्म में घर वापसी जिसके इनके पूर्वज थे । यही नही इनकी घर वापसी कराने वालों का दावा है कि यह सब वह अपने गुरु जो संघ के प्रचारक और सह संगठन मंत्री थे उनको श्रीधांजलि देने के लिए किया जा रहा है . उनका अभी हाल में ही देहांत हुआ है . वंही प्रशाशन इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है . लेकिन आफ रिकार्ड कहते है हमें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है .
आयोजनकर्ता एवं आर एस एस स्वयं सेवक कैलाश चन्द्र श्रीवास्तव कहते है इस क्षेत्र में मैं काम कर रहा हूँ मेरे गुरूजी का अभी देहांत हो गया है अवधबिहारी जी का वह गरीबो के मसीहा थे संघ के प्रचारक रहे है , राष्ट्रीय स्तर पर सह संगठन मंत्री भी रहे है उनको नटो को मुस्लिम धर्म में जाते हुए देखकर दर्द हुआ उन्होंने कहा कि अगर कोई मुस्लिम आना चाहेगा तो उसे हिन्दू धर्म में लाना होगा यह उनको श्रीधांजलि दी जा रही है 24 को उनकी तेरहवी है आज 20 तारीख को श्रीधांजलि के रूप में जो उनकी इच्छा थी उसे पूरी की जा रही है .. इनके पिता हिन्दू रहे है बीच में किसी तरह इन्होने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था और मुस्लिम धर्म में चले गए थे अब वापस आ रहे है तो अपने घर में वापस आने से किसी को कोई दिक्कत नहीं है\ .