इंद्रप्रताप उर्फ़ खब्बू तिवारी को अपना दल से मिला टिकट
फैजाबाद – इंद्र प्रताप तिवारी को अपना दल पार्टी से टिकट मिल गया है ।आखिरकार इंद्र प्रताप उर्फ़ खब्बू तिवारी को फैजाबाद जिले की गोसाईगंज विधानसभा सीट से टिकट मिल ही गया । अब वह गोसाईगंज विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल पर चुनाव लड़ेंगे । हालांकि गोसाईगंज विधानसभा का टिकट हासिल करने में उन्हें कड़ी जद्दोजहद के दौर से गुजरना पड़ा । लेकिन कहते हैं अंत भला तो सब भला।
इंद्रप्रताप उर्फ़ खब्बू की राजनीति में दस्तक
इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी की राजनीतिक दस्तक सबसे पहले अयोध्या के साकेत महाविद्यालय मैं हुई छात्र जीवन से ही उनका मन छात्र संघ चुनाव की तरफ मुड़ गया । यही उनकी राजनीति में कदम रखने की पहली दस्तक थी । इसके बाद वह 1994 95 में साकेत कॉलेज चुनाव में महामंत्री बने। साकेत डिग्री कॉलेज से ही उन्होंने एमएससी तक की शिक्षा भी ग्रहण की । उनके करीबी लोगों के माने तो पढ़ाई के दौरान वह अच्छे स्कॉलर थे।
यूँ रहा खब्बू का चुनावी सफर
1994 95 में साकेत विद्यालय चुनाव में महामंत्री बनने के बाद इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी का मन राजनीति में रमने लगा । इसके बाद उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और दोनों बार उनको कामयाबी मिली । इसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया।
बदकिस्मत भी रहे खब्बू तिवारी
छात्रसंग चुनाव से लेकर जिला पंचायत चुनाव तक खब्बू तिवारी राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते ही गए। इस बीच युवाओं में खास तौर पर उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई ।इसी का परिणाम है कि आज भी साकेत छात्र संघ चुनाव में उनका बड़ा दखल रहता है और उनका दखल छात्र संघ चुनाव में प्रत्याशियों की जीत हार भी तय करता दिखाई देता है । हालांकि इस बीच वह इंद्र प्रताप तिवारी से खब्बू तिवारी होते हुए खब्बू भैया बन गए और अब उनके करीबी उन्हें नेता के नाम से संबोधित करते हैं । इस सब के बावजूद विधानसभा चुनाव में वह हमेशा बदकिस्मत ही रहे । पहले 2007 में वह समाजवादी के टिकट पर अयोध्या विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे लेकिन चुनाव हार गए । इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ दिया और बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए । 2012 में उन्होंने फैजाबाद जिले की गोसाईगंज विधानसभा से चुनाव लड़ा । लेकिन यहां भी वह चुनाव हार गए लेकिन चुनाव हारने की चर्चा कम होती है उनकी बदकिस्मती की ज्यादा होती है। वजह है उनके चुनाव लड़ने के पहले अयोध्या और गोसाईगंज विधानसभा से लोग 52 से 55 हजार मत पाकर विधायक बन जाया करते थे । लेकिन खब्बू तिवारी लगभग 62 हजार मत पाने के बाद भी चुनाव हार गए थे ।