रामनगरी से किया योगी ने किनारा, निराश हुई अयोध्या
अयोध्या को योगी आदित्यनाथ से बड़ी उम्मीदे है । लेकिन रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या ही नहीं फैज़ाबाद जिले से भी किनारा कर लिया । रामजन्मभूमि पर राममंदिर निर्माण की हुंकार भरने वाले योगी ने अयोध्या समेत फैज़ाबाद की अन्य चार सीटों पर जीते किसी भी विधायक को अपने मंत्री मंडल में कोई भी जगह नहीं दी है । जबकि बीते 2012 में आम चुनाव के बाद समाजवादी सरकार ने रामनगरी के नाम पर अनुभवहीन और पहली बार जीते तेजनारायण पाण्डेय उर्फ़ पवन पाण्डेय को अपनी कैबिनेट में जगह दी थी|
वंही पूरे जिले में मात्र एक सीट रुदौली पर सपा की सुनामी में भी जीतने वाले रामचंद्र यादव को भी पुरानी कद्दावर जीत और इस बार हुई बम्पर जीत के बाद भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है जिसके चलते बीते शाम को योगी के नाम की घोषणा के बाद अयोध्या फैज़ाबाद जुड़वा शहर में जो उत्साह था उसको महज मायूसी हाथ लगी है । इसी के साथ एक अहम सवाल भी खड़ा हो गया है कि अयोध्या को कब तक मायूसी हाथ लगेगी और कब तक उसके हाथ खाली रहेंगे । अयोध्या भी टकटकी लगाए इसी को निहार रही है । अयोध्या यह भी देख रही है कि चुनाव प्रचार के दौरान लगातार उसके विकास और राम के नाम पर लोगो की भावनाएं जगाने वाले योगी ने मुख्यमंत्री बनते ही किस तरह उससे ही किनारा कर लिया है ।
वंही पूरे जिले में मात्र एक सीट रुदौली पर सपा की सुनामी में भी जीतने वाले रामचंद्र यादव को भी पुरानी कद्दावर जीत और इस बार हुई बम्पर जीत के बाद भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है जिसके चलते बीते शाम को योगी के नाम की घोषणा के बाद अयोध्या फैज़ाबाद जुड़वा शहर में जो उत्साह था उसको महज मायूसी हाथ लगी है । इसी के साथ एक अहम सवाल भी खड़ा हो गया है कि अयोध्या को कब तक मायूसी हाथ लगेगी और कब तक उसके हाथ खाली रहेंगे । अयोध्या भी टकटकी लगाए इसी को निहार रही है । अयोध्या यह भी देख रही है कि चुनाव प्रचार के दौरान लगातार उसके विकास और राम के नाम पर लोगो की भावनाएं जगाने वाले योगी ने मुख्यमंत्री बनते ही किस तरह उससे ही किनारा कर लिया है ।
ये है योगी कैबिनेट के 47 मंत्री