मोदी के स्वच्छता अभियान का कड़वा सच !

pm narendra modi swachh-bharat-abhiyaan reality
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छता मिशन है । आये दिन बड़े बड़े नेताओं , कारोबारियों और अभिनेताओं को आप सड़क पर झाडू पकड़कर फोटो खिंचवाते देख सकते है । टेलीविजन चैनलों  पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके लिए जागरूक करते नजर आते है । लेकिन जिस अयोध्या का दामन पकड़ भाजपा आगे बढ़ी उसी अयोध्या और फैज़ाबाद में हमने इस ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत जांचने की कोशिश की तो हमें चौक जाना पड़ा । हम आपको इस ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत बताये इससे पहले यंहा के उन जिम्मेदार लोगो के बारे में जान लीजिए जो कागजो में इस अभियान को बखूबी चला रहे है । अयोध्या -फैज़ाबाद के भाजपा सांसद है लल्लू सिंह , दोनों जुड़वा शहरो की नगर पालिका के  चेयरमैन भी उसी भाजपा से है जिसके सबसे बड़े नेता का ड्रीम प्रोजेक्ट है स्वच्छता ।
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सबसे पहले फैज़ाबाद से अयोध्या  की तरफ चलते है । अयोध्या सीमा से लगभग एक किलोमीटर पहले साहबगंज चौकी से जैसे ही आगे बढ़ते है बाई ओर हम मुड़ जाते है । आगे हमे कश्मीरी मोहल्ला मिलता है जंहा पास ही  शंकर जी के मंदिर से चंद फलांग पर बना शुलभ शौचालय तो ऐसा है जैसे गंदगी का ब्रांड एम्बेसडर हो । गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है कि अंदर जाना तो दूर पास से गुजरना तक मुश्किल है । हमने यंहा के लोगो से ही बात की । उनके नाम भी पहले ही बता देते है । मन्नी देवी ,कैलाशा देवी , काजल सोनकर, अनु भारती ,दीपक,दुर्गेश का कहना है कि ना तो इस शुलभ शौचालय की सफाई होती है। गन्दगी भरी रहती है। पानी का पंप ख़राब है।लाइट भी ख़राब रहती है।जिसकी वजह से हम लोगो को खेतो में   शौच करने जाना पड़ता है। यहाँ पर जो सफाई कर्मी नियुक्त है। वो कोई सफाई नहीं करता ।इनके दर्द को तो सुना आपने अब यह भी जान लीजिए शौचालय की सफाई हो या निर्माण सभी के लिए यह लोग आफिसों के चक्कर लगाकर थक चुके है और चुपचाप बेबसी का इजहार कर नित्यक्रिया के लिए  युवतियां हो या बुजुर्ग सभी खेतो या खुले स्थान का रुख करने को मजबूर है ।
अब आगे बढ़कर अयोध्या पहुचते है । यंहा हर साल होने वाली 14 और 5 कोसी परिक्रमा हो या अलग अलग पर्व सभी में लाखों लोग अयोध्या आते है ।वह मंदिरो में रहते तो है लेकिन नित्यक्रिया के लिए उसी सरयू के किनारे जाते है जो अयोध्या ही नहीं सारी दुनिया में आस्था का प्रतीक है । अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या खाने के दांत और दिखाने के अलग है और अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री मोदी के आवाहन से कोई चमत्कार होने वाला नहीं है जरुरत है कंधे से कंधा मिलाकर अपना अपना योगदान करने की ।

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