यूपी में बनी बीजेपी की सरकार तो इनमे से कोई होगा मुख्यमंत्री





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यूपी में बीजेपी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा .. ? इस चेहरे को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं. बीजेपी के भीतर सीएम पद के लिए संभावित चेहरों की चर्चा अब जोरों पर है. अगर बीजेपी को यूपी की सत्ता मिलती है तो अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर यूपी की जनता के साथ-साथ पूरे देश की निगाहें टिक गई हैं. हमारी पड़ताल में ये वो नाम सामने आये है जिसमे से कोई एक होगा जिसके सिर पर मुख्यमंत्री का ताज सजेगा ..

राजनाथ सिंह —

मौजूदा समय में देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह यूपी में मुख्यमंत्री पड़ के सबसे बड़े दावेदार है . एक तो उनकी सभी डालो में खासी पकड़ है जिससे सीटे कम होने पर भी समर्थन जुटाया जा सकता है दूसरा वह यूपी को बेहतर समझते है और उनके नाम पर कंही कोई बिरोध नहीं है लेकिन क्या राजनाथ केंद्र में नंबर 2 की कुर्सी छोड़कर यूपी का मुख्य्मंत्य्री बनना पसंद करेंगे यह बड़ा सवाल है ..

दिनेश शर्मा—
वर्तमान में लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा आरएसएस से जुड़े रहे है .दिनेश शर्मा वर्तमान समय में यूपी में भाजपा के उपाध्यक्ष हैं और गुजरात में पार्टी प्रभारी भी हैं. दिनेश शर्मा को मोदी का काफी करीबी माना जाता है . दिनेश शर्मा के बुलावे पर ही पीएम ने दशहरे पर लखनऊ के रामलीला कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. दिनेश शर्मा को संगठन के चेहरे के रूप में तो जाना जाता है लेकिन इनकी एक पहचान पर्दे के पीछे रहने वाले नेता के रूप में भी है. हलाकि दिनेश शर्मा ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा, और न ही विधायक या सांसद रहे, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं के करीबी रहे हैं. इनकी सबसे बड़ी बात इनकी ईमानदार छवि है जो राजनाथ सिंह के बाद इनको मुख्यमंत्री का सबसे बड़ा दावेदार बनाती है ..




योगी आदित्यनाथ —
योगी आदित्यनाथ को फायर ब्रांड हिन्दूवादी चेहरे के रूप में जाना जाता है . वह गोरखपुर से बीजेपी सांसद है और कई बार से जीतते आ रहे है . यूपी चुनाव में वोटो के धुर्वीकरण में इनकी बड़ी भूमिका रही है . छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद् में काम कर रहे हैं.योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल का बड़ा हिन्दू चेहरा हैं . इस बार इनका नाम तेजी से भावी मुख्यमंत्री के तौर पर उठा है क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी योगी ने जमकर प्रचार किया है.और इनकी मांग भी चुनाव के दौरान बहुत रही ..

केशव प्रसाद मौर्य — केशव प्रसाद मौर्य भी सीएम पद की रेस में हैं. यह पिछड़ी जाति मौर्य से आते हैं जिसकी तादाद गैर यादव जातियों में सबसे ज्यादा है. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष और फूलपुर से लोक सभा सांसद है और संघ के करीबियों में माने जाते है . चुनाव में मौर्य अच्छे वक्ता साबित हुए और उन्हें पार्टी के लिए सबसे ज्यादा 155 चुनावी सभाएं की हैं. बीजेपी में पिछड़ी जाति का चेहरा कहे जाने वाले मौर्य को अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की खोज माना जाता है हालाकि केशव प्रसाद मौर्य पर दर्ज आपराधिक मुक़दमे राह में रोड़ा जरुर बन सकते हैं.
संतोष गंगवार—




बरेली से सांसद और केद्रीय मंत्री संतोष गंगवार भाजपा के भरोसेमंद नेता हैं. उनकी विनम्र छवि ही इनकी पहचान है . संतोष गंगवार को संगठन का माहिर और मर्मग्य व्यक्ति माना जाता है. सांसद गंगवार कुर्मी जाति से आते हैं और अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में रहे हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बाद बीजेपी में संतोष गंगवार को पिछड़ी जाति का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता हैं. इनकी पहचान न तो हिंदूवादी नेता के तौर पर है और ना ही प्रदेश मे कभी ये मुख्यमंत्री की दौड़ में रहे हैं लेकिन फिर भी इनका नाम कब सामने आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है .

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