कुर्सी नहीं सत्ता रहेगी नवाज शरीफ के हाथ में !
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने भले ही पनामा गेट केस में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बर्खास्त कर दिया हो बावजूद इसके सत्ता की चाभी उन्हीं के हाथ में रहेगी। नवाज की पार्टी पीएमएल- एन के पास मौजूदा वक्त में पार्लियामेंट में बहुमत है ।लिहाजा नवाज शरीफ अपनी पार्टी में से किसी को भी अंतरिम अध्यक्ष का शपथ ग्रहण करवा सकते हैं । ऐसा करने में उनको ना तो कोई कानूनी अड़चन आएगी और ना ही सत्ता ही उनके हाथ से दूर जाएगी ।
नवाज के लिए शाहबाज खान होंगे तुरुप का इक्का
बदली राजनीतिक परिस्थितियों में अब नवाज शरीफ के लिए भाई और राजनीतिक सहयोगी शाहबाज खान तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं । जो मौजूदा समय में पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं । राजनीतिक जानकार भी मानते हैं की ऐसे समय में शाहबाज खान ही नवाज शरीफ के पहली पसंद होंगे , क्योंकि वह ना सिर्फ भरोसेमंद है बल्कि पार्टी में भी उनकी मजबूत पकड़ है । इस तरह शाहबाज खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद नवाज शरीफ के पास भले ही कुर्सी नहीं रहेगी लेकिन पाकिस्तान की सत्ता फिर भी उनकी मुट्ठी में बंद रहेगी।
चुनावी समर के पहले सत्ता देगी मजबूती
67 वर्षीय नवाज शरीफ को 2018 में पाकिस्तान में होने वाले प्रधानमंत्री चुनाव का भी एहसास है । इसीलिए वह कोई कदम उठाने के पहले गहन विचार विमर्श कर लेना चाहते हैं । उन्हें मालूम है कि अगर 2018 चुनाव तक पाकिस्तान की सत्ता उनके हाथों में रही तो वह मजबूती है चुनावी समर में अपना दमखम दिखा सकते हैं । इन हालातों के मद्देनजर भी फिलहाल उनके लिए शाहबाज खान से मुफीद कोई दूसरा दिखाई नहीं दे रहा है । लिहाजा अब बस प्रधानमंत्री के रूप में शाहबाज खान के नाम की घोषणा का ही इंतजार है , और जानकारों की माने तो बहुत जल्दी उनके नाम की घोषणा भी हो जाएगी।