गणतंत्र दिवस और देश

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आज वो दिन है जो हमको हमारे अधिकार देता है यानि गणतंत्र दिवस है।लोग सुबह से ही झंडा ऊँचा कर तिरंगा लहराकर भारत माता अमर रहे और भारत माता की जय के नारे से देश गूंज रहा है | चारों तरफ हँसी खुशी मस्ती मनाई और मिठाई खाई व खिलाई जा रही है। लोगों ने अपने Facebook और whatsapp पर बढ़ चढ़कर बधाई दे रहे है | लोगो ने अपनी प्रोफाइल फोटो भी तिरंगे की लगा राखी है | दुनिया भी भारत की शक्ति का लोहा मानती हुई इसको मना रहा है | इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की दुनिया की सबसे बड़ी ईमारत बुर्ज खलीफा भी तिरंगे के रंग में रंग गई है|
यही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट google भी भारत के गणतंत्र को मना रहा है | google ने अपना डूडल भी तिरंगे के रंग में रंग दिया है | google doodle celebrate india republicइस बार तो गणतंत्र दिवस तो और खास हो गया है क्यूंकि  इस बार भारत के 68 गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने UAE  के राजा मोहम्मद बिन जावेद अल नहयान को विशेष अतिथि के रूप में भारत बुलाया है |आज राजपथ झाँकियो और हमारे पराक्रम का की गवाही दे रहा है | आज हम सभी गणतंत्र दिवस को पर्व के रूप में मनाकर तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।जगह जगह विचार गोष्ठियो के साथ देश को आजादी दिलाने वाले भारत माता के वीर सपूतो को याद करके उनका नमन वंदन व गुणानवाद होगा। जैसा कि सभी जानते हैं  कि आज ही के दिन छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ पचास को हमारा अपना संविधान यानी कानून आजादी मिलने के बाद लागू हुआ था। देश को आजादी तो उन्नीस सौ सैतालिस  में ही मिल गयी थी। किसी भी प्रजातांत्रिक देश में गणतंत्रिक व्यवस्था के बिना लोकतंत्रिक व्यवस्था लागू नहीं हो सकती है। आजादी का मतलब ही अपना देश और अपना कानून होता है। आज जहाँ हम सभी छोटे बड़े अमीर गरीब गणतंत्र दिवस समारोह मना रहें हैं  वहीं हमें यह भी याद रखना चाहिए कि यह खुशी चिरंजीवी बनी रहे। आजादी बड़ी मुश्किलों से मिलती है और हमें  इसे बरकरार बनाये रखना उस गणतांत्रिक देश के प्रत्येक नागरिक का पहला कर्तव्य होता है। आजकल जिस तरह से स्वार्थ भ्रष्टाचार व्यभिचार बढ़ रहा है | अगर यहीं स्थिति आजादी के पहले होती तो हमें आजादी नहीं मिल पाती। हमारे गणतंत्र के रखवाले ही गणतंत्र को कमजोर करने में लगे हैं  और 6 दशक में ही हम अपनी आजादी और आजादी के लिये अपना सर्वस्य न्यौछावर करने वाले भारत माता के वीर सपूतो  को भूलते जा रहे हैं। 6  दशक में ही हम जहाँ एक तरफ हम चाँद पर पहुँचकर दुनिया को अपनी मुठ्ठी में समेट लिया है | वहीं पर हम देश प्रेम देश भक्ति इंसानियत और भाईचारे से दूर होते जा रहे हैं। देश के साथ हमारे बाहरी दुश्मनों के साथ ही  देश के गद्दार भी गद्दारी करने लगे हैं  और चंद स्वार्थपूर्ति के लिये अपने ही गणतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का आजादी के बाद जय जवान जय किसान का दिया गया नारा साकार हो रहा है। दोनों गणतंत्र को अपना खून पसीना देकर सींच रहे है  जिसका परिणाम यह है कि हम दुनिया के सिरमौरों के साथ खड़े हो गये हैं। गणतांत्रिक व्यवस्था के तीन अंग कार्यपालिका व्वस्थापिका व न्यायपालिका होते हैं। चौथा स्थान पत्रकारिता को दिया गया और चारों आजादी के छः दशक बीतते ही भ्रष्टाचार के आगोश में डूबने की कगार पर आ गये हैं। जब तक यह चारों निर्विकार नहीं होते हैं तब तक लोकतंत्र गणतंत्र सुरक्षित व मजबूत नहीं बन सकता है।आज हंसी खुशी पर्व मनाने के साथ इसे सकंल्प दिवस के रूप में मनाना गणतंत्र की मजबूती के लिये जरूरी है। आज उन जाने अनजाने सभी शहीदों के बलिदान को यादकर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर उनसे देशभक्ति करने की प्रेरणा लेने का शुभ दिन है। गणतांत्रिक व्यवस्था में लोकतंत्र को मजबूत करने का सबसे बड़ा कार्य चुनाव के समय मतदान करना होता है  क्योंकि मतदान अपने आप में मत को दान के रूप में प्रदर्शित करता है।मनुष्य जीवन में दान को ईश्वर प्राप्ति का एक मार्ग भी बताया गया है। दान देना हर एक मतदाता का धर्म बनता है क्योंकि गणतंत्र में मतदाता भगवान स्वरूप होता है। देने का कार्य या तो ईश्वर करता है या फिर मतदाता भगवान करता है और अपनी पसंद की अपने अगुवा रक्षक संरक्षक को चुनता है जो उसकी भाग्य के विधाता बनकर सरकार चलाते हैं।दुनिया में कोई भी पवित्र कार्य स्वार्थ लोभ भय प्रलोभन से मुक्त होकर किया जाता है इसलिए मतदान भी इससे दूर रहकर करने से ही पुण्य मिलती है। गणतंत्र को मजबूत बनाने के लिये आगामी होने जा रहे चुनाव में मतदान करने जरूर जाय और हो सके तो उस दिन व्रत भी रखें। आपका एक एक मत गणतंत्र को बलवान बनाने में सहयोग करेगा।
Report- Radheyshyam Pathak

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