यूपी में दलित युवती की अस्मत की कीमत लगी 5 जूते और 50 हजार रुपये
कहते है सईयां थानेदार फिर डर कैसा यूपी के अमरोहा में क़ानून व्यवस्था की पोल खोलने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक दलित युवती की आबरू की कीमत पंचायत में 5 जूते और 50000 रूपये लगायी गयी है अमरोहा में कानून का नहीं पंचायत का फरमान चलता है और कानून के हाथ में जाति बिरादरी की बेड़ियां लग गयी हैं आरोपी और थानेदार एक जाति बिरादरी के होने की वजह से क़ानून में बलात्कार की धारा पंचायती फरमान के सामने दम तोड़ती नजर आ रही है।
काश तस्वीरें बोल सकती तो बोलती कि दिल्ली एनसीआर से लगे अमरोहा जिले के खाईखेड़ा गावँ में कैसा अनर्थ हुआ हैं । जहाँ पति के सामने पत्नी के साथ बलात्कार हुआ है और पंचायत ने 5 जूते और 50000 रूपये का फरमान सुनाया तो पुलिस के कानों तक पीड़ित की आवाज नहीं पहुंची और तो और स्थानीय अखबार में पंचायत में बलात्कार की सजा की ख़बरें छप रही हैं पर पुलिस कह रही है उसे तो तहरीर नहीं मिली है । जबकि 100 डॉयल पीड़ित के घर तक पहुंची पर थानेदार अन्जान बने हैं और पंचायत में पूरे गावँ के सामने आरोपी को जूते पड़े और जुर्माना भी देने की बात हो रही है पर दबंगों पर मुकदमा दर्ज करेगा कौन ! आरोपी और थानेदार एक ही जाति और बिरादरी के जो हैं जबकि ग्रामीण रिपोर्ट दर्ज न होने की वजह से दलित परिवार पर ज्यादती ही मान रहे हैं पर जब पंचायत के सामने कानून का कद नहीं तो बेचारे ग्रामीण हिम्मत कैसे जुटाएँ । गंगा स्नान करके गावँ लौट रहे पति पत्नी के साथ गावँ के ही दबंग ने खुली गुंडई के बल पर पति के सामने पत्नी के साथ बलात्कार किया है और ग्रामीणों ने पंचायत में जूते लगवाकर दलित परिवार से फैसला लिखवा लिया है और पुलिस चुप्पी साधे बैठी है और सरकार एंटी रोमियो दल का गठन करके अपनी पीठ थप थपा रही है| पुलिस मामले को कहा सुनी बता कर वर्दी का लाभ लेने में लगी है और तहरीर के इन्तजार का बहाना बनाये है पर योगी की कानून व्यवस्था पर वर्दी का रोब भारी दिखाई पड़ता है और कानून का दम घुटता नजर आ रहा है ।