मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का सच, शौचालय के लिए दर दर भटक रही महिलाएं

केंद्र और प्रदेश सरकार जहां एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान के लिए करोड़ों रुपए विज्ञापन पर खर्च कर रही है और इस अभियान को अमल में लाने के लिए तमाम कार्यक्रमो के जरिये लोगों को जागरुक किया जा रहा है। स्वच्छता अभियान का एक अहम हिस्सा है खुले में शौच से आजादी। जिसके लिए बाकायदा टीमें बनाकर लोगों को घर मे शौचालय बनवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। साथ ही गरीबों के शौचालय बनवाने के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है। लेकिन आलाधिकारियों के लचर रवैया के चलते सरकार का यह अभियान दम तोड़ रहा है और ग्रामीण शौचालय की मांग को सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे है।

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हाल ऐसा आ गया है कि महिलाएं अब नारेबाजी करने पर मजबूर है. यह  महिलाएं  अपने घरों में शौचालय बनवाने के लिए अधिकारियों के लचर रवैये से नाराज महिलाएं है। पूरे गांव की महिलाएं अधिकारियों के चैखट चूमने के बाद थक हार कर अब अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है।  मामला है फैज़ाबाद के अकवारा डीह का जहाँ लोगों शौचालय बनवाने के लिए आवेदन किया लेकिन प्रशासन ने पैसे मुहैया नहीं कराया। जिसके चलते शोचालय निर्माण का कार्य बंद हो गया। जिसके लिए आलाधिकारी से गुहार लगाने के बाद भी जब कोई परिणाम नहीं निकला तो मजबूर होकर महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही है। प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि शौचालय निर्माण के लिए आवेदन के बाद सरकार से कोई  मदद न मिलने के बाद आलाधिकारियों से मुलाकात की गयी लेकिन फ़रियाद सुनने वाला कोई नहीं है| घर में शौचालय न होने से जब महिलाये बाहर शौच के लिए जाती है तो रास्ते में मनचले युवक छेड़खानी भी करते है| ऐसे  में प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान का मजाक उड़ाया जा रहा है|  सरकार उनके लिए शौचालय नहीं बनवायेगा तो उग्र आन्दोलन भी किया जाएगा|

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