तो हजारो मतदाता नहीं डाल पाएंगे वोट,वोट डालने की चाहत हो सकती है दिल में दफ़न




thousand of voter not given vote faizabad
 
चुनाव में जहाँ  एक –  एक वोट का महत्त्व है वंही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश 2017 के विधानसभा चुनाव में पांचवे चरण के हजारो मतदाता वोट देने से ही वंचित रह जाएंगे . लेकिन सवाल इससे भी बड़ा है कि जब यह हाल अकेले फैजाबाद जिले का है तो पूरे चुनाव में क्या लाखो लोग चाहते हुए भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे  .. यह उन प्राइवेट गाडियों के ड्राइवर है जिन्हें पोलिंग पार्टिंया ले जाने के लिए पुलिस बिभाग या आरटीओ द्वारा पकड़ा गया है . इनको भी वोट की कीमत मालूम है . यह ये भी  जानते है कि उनके एक वोट से सरकार बन भी सकती है बिगड़ भी , उनका मनपसंद उम्मीदवार जीतकर कर मंत्री भी बन सकता है और हारकर बाहर भी हो सकता .




यह अपने अपने विधानसभा का अपना वोट डालना भी चाहते है लेकिन डाल नहीं पा रहे है इसका अफ़सोस भी इनको कम नहीं है … हमने फैजाबाद पुलिस लाइन समेत अलग -अलग स्थानों पर ऐसे ही हजारो लोगो में से दस ड्राईवरो से बात की जिनको इनकी गाडियों समेत पिछले तीन दिनों से पकड़ा गया है . यह तभी से न घर गए है न ही मूलभूत सुबिधाये ही इनको मयस्सर है .अब इनको घर जाने की छुट्टी तब मिलेगी जब सभी पोलिंग पार्टियां मतदान के बाद आकर मतपेटियां जमा करा देंगी  … यानि यह हजारो लोग वोट डालने की दिल में हसरत लिए बस टकटकी लगाए लोगो को वोट डालते हुए देखते तो रहेंगे लेकिन खुद के वोट डालने की हसरत दिल में रह जाएगी  ..हालाकि इस बारे में कोई भी मतदान अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है




लेकिन एडीएम सिटी ने बिना कैमरे के फ़ोन पर हमें बताया कि जो सरकारी गाड़ियाँ है उनके वोट डालने के लिए बैकल्पिक व्यवस्था की गई है , लेकिन निजी गाड़ियों के ड्राइवर के लिए हम वोट डालने की व्यवस्था कैसे कर सकते है जबकि कई गाड़ियां गैर जनपद से भी पकड़ी गई है ..
निजी वाहन ड्राइवर अजय प्रकाश कहते है वोट डालने के लिए आईडी लेकर टहल रहा हूँ लेकिन वोट डालने का मौक़ा नहीं मिल रहा है बताइये , हमें वोट नहीं डालने मिल रहा है . हमें वोट न डाल पाने का अफ़सोस है . वंही ड्राइवर अनिल कुमार यादव कहते है बहुत अफ़सोस है हमें वोट न डाल पाने का , हमारी पार्टी लड़ रही है हमारे गावं का आदमी लड़ रहा है वोट नहीं डालेंगे तो तकलीफ नहीं होगी , हमारी गाडी आरटीओ ने पकड़ रखी है चुनाव ड्यूटी के लिए इसलिए हमलोग जा नहीं पाएंगे .. जबकि बालमुकुन्द दूवे कहते है  वोट इसलिए हमलोग नहीं डाल पा रहे है क्योकि 23 फरवरी से हमलोगों की गाडी पकड़ ली गई है .




तब से यंही खड़े किये है बाहर जाते तो वोट डालते  .. ब्रिजराजपाल कहते है वोट न डाल पाने का बहुत बड़ा अफ़सोस है एक ही वोट बहुत बड़ा कीमती है , यंहा तो हजारो वोट नहीं पड़ पाएंगे ,तो प्रतीक यादव का गम भी जुदा नहीं है कहते है एक वोट की बहुत बड़ी कीमत होती है एक वोट से हार जीत होती है एक वोट से ही मंत्री और विधायक बनते है लोग , एक वोट से  हार जीत होती है . यंहा हम हजारो लोग फंसे है , हजारो वोट है लेकिन हम यंहा फंसने की वजह से वोट नहीं डाल पा रहे . वंही राजकुमार कहते है .हम वोट डालना चाहते है लेकिन हम हजारो ड्राइवर है सब फंसे है 23 तारीख से आकर यंहा खाने पीने की किसी चीज की कोई व्यवस्था नहीं है ,राजेन्द्र यादव कहते है वोट न डाल पाने का बहुत बड़ा अफ़सोस है , तीन दिन से यंहा पड़े है खाने -पीने किसी चीज की कोई व्यवस्था नहीं है .




गाडी हमारी यंहा है हम यंहा फंसे है जा पाएंगे नहीं तो वोट कैसे डालेंगे . एक तरह से जेल के अन्दर बंद है .  कंहा से वोट डाल पाएंगे .एक और ड्राइवर रमन कहते है हमलोग 24 तारीख से यंहा पड़े है जब घर जा ही नहीं पाएंगे तो वोट कंहा से डाल पाएंगे  . वोट डालने का मन तो बहुत है लेकिन जब जा ही नहीं पाएंगे तो वोट कैसे डालेंगे .. जबकि ड्राइवर रामानुज कहते है .तीन दिन से यंहा फंसे है गाडी चल देती तो अपनी जगह किसी और को करके वोट डाल देते लेकिन वोट डालना मुश्किल है  ..
यानि सबका गम एक ही तरह का है और वह है वोट न डाल पाने का गम . जिसका हल निकलता नहीं दिख रहा लिहाज लगता है हजारो मतदाता अपने मताधिकार से वंचित रह सकते है , और यूपी विधानसभा 2017 में उनके वोट डालने की ख्वाविश दिल में दफ़न होकर रह जाएगी  .. 

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