सपा मुख्यालय पर भी अखिलेश का कब्जा
आखिरकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जो चाहते थे वह हो ही गया । वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिए गए और उनके समर्थकों ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर भी कब्जा कर लिया । लेकिन अब तक सहानभूति की वजह रहे अखिलेश को यह कदम भारी पड़ सकता है ।लिहाजा उनकी छवि को भी ख़तरा पैदा हो गया है । अब आलम यह है कि अखिलेश समर्थक कार्यालय पर कब्जा किये बैठे नारेबाजी और हुड़दंग मचा रहे है तो मुलायम जे समर्थक कब्जे के खिलाफ शिकायत करते हुए भागे भागे फिर रहे है । लेकिन परिवारवाद की चपेट में आया समाजवाद सबसे अधिक दुखी है क्योंकि अपने को समाजवादी कहने वाले लोगों के पैरों तले रौंदा जो जा रहा है ।