योगी सरकार के दावे के बीच आये भगवान बने डाक्टर ,तीन नवजात की गई जान
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के दावों के बीच अब भगवान का दर्जा पाए डाक्टर आ गए है । जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के योगी के दावे पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है । इसका एक उदाहरण फ़िरोज़ाबाद ज़िला बना है । जंहा इलाज न मिल पाने से तीन नवजात बच्चों की जान चली गई है । हंगामे के बाद हालांकि मुख्य चिक्तिसा अधीक्षक ने इस पूरे मामले पर जांच के आदेश दे दिए है । वंही इस तरह की मौतों से हड़कंप मच गया है । फ़िरोज़ाबाद के जिला अस्पताल में मरीजो और नवजात बच्चों का किस तरह से ध्यान रखा जाता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण यंहा का जिला अस्पताल है । इलाज जे अभाव में तीन तीन नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया है । इनके परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने लापरवाही की है लेकिन आरोपी डॉक्टर ने अपने को निर्दोष बताया है| अब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जांच के आदेश दे दिए है उसमे क्या आता है इसका इंतजार सभी को है । दरसअल शिकोहाबाद के गांव आमरी निवासी रहीम अपने पत्नी को लेकर प्रसव कराने के लिए पहले शिकोहाबाद के सरकारी हॉस्पिटल में गया था वहां से उसकी पत्नी को फ़िरोज़ाबाद के जिला अस्पताल के लिए भेज दिया जिला अस्पताल में रहीम की पत्नी ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया दोनो बच्चो को ICU में रख दिया लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर A K चौधरी मौजूद ही नही थे इस लिए इलाज ही नही हो पाया और दोनों बच्चों की मौत हो गई इसी तरह नगला विष्णु निवासी प्रेम वीर भी अपनी पत्नी संध्या का प्रसव कराने जिला अस्पताल में आया था उसके भी एक बच्चा हुआ हालात बिगड़ने पर उसे भी ICU में भर्ती कर दिया लेकिन डॉक्टर चौधरी नही थे इस लिए इलाज ही शुरू नही हो पाया जिससे दोनों बच्चो की मौत हो गई .. इस तरह से नवजात बच्चो की मौत पर हॉस्पिटल की लचर इलाज व्यवस्था की पोल खुल कर सामने आ गई है | मृतक बच्चो का पिता रहीम का आरोप बहुत साफ है उन्होने कहा कि पत्नी को बच्चे के लिए पहले शिकोहाबाद अस्पताल में ले गए थे फिर फ़िरोज़ाबाद के जिला अस्पताल में भेज दिया वहां पर जुड़वा दो बच्चे हुए जिनका जिला अस्पताल में इलाज ही नही हुआ दोनो बच्चो की मौत हो गई | समाजसेवी अखिलेश शर्मा कहते है कि इस तरह से हॉस्पिटल में तीन बच्चो की मौत का गंभीर मामला है इसकी जांच होनी चाहिए इन डॉक्टर के ऊपर तो मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जानी चाहिए, ग्राम प्रधान राजकुमार ने बताया कि ये बच्चो को जन्म देने के लिए पहले शकोहाबाद ले गए उसके बाद फ़िरोज़ाबाद जिला अस्पताल में लाये वहां पर कोई डॉक्टर नही था इलाज नही हो पाया दोनो बच्चो मौत हो गई है| फिरोजाबाद की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर, साधना राठौर ने बिना लागलपेट के स्वीकारा कि डॉक्टर चौधरी की ड्यूटी थी ये बिना बताए चले गए, इन डॉक्टर की पहले भी शिकायत रही है ये बिना बताए कही भी चले जाते है इस मामले में भी इनकी मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत लिख कर भेजी है आगे कार्यवाही की जाएगी | इस बारे में फिरोजाबाद के बाल रोग डॉक्टर ए के चौधरी, बाल रोग ने अपनी सफाई में कहा कि वो तो काम से गये थे उनको फंसाया जा रहा है |