एक ऐसी विधानसभा जहाँ से जिस पार्टी का प्रत्याशी जीता उसी की बनी सरकार




alapur ambedkarnagar

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अम्बेडकर नगर जनपद अपने आप में दिलचस्प इतिहास सहेजे हुए है । 9 मार्च को यंहा की आलापुर विधानसभा के लिए मतदान हुआ । आलापुर सीट के बारे में कहा जाता है कि इस विधानसभा से जिस पार्टी का प्रत्याशी जीतता है उसकी सरकार बन जाती है । वंही अम्बेडकर नगर की बात करे तो 29 सितम्बर 1995 को मायावती ने यह नया जिला बनाया था । इसका उन्हें लाभ भी मिला । 1997, 2002, और 2007 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने यंहा की सभी पांच सीटों पर अपना झंडा फहराया । खुद मायावती यंहा से तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ी । हलाकि हर बार वह जीतने के बाद सीट छोड़ती रही ।




केवल एक बार वह 2 वर्ष के लिए सांसद रही । 2007 में  एक बार मायावती अम्बेडकरनगर के आलापुर विधानसभा सीट से विधायक भी चुनी गई थी यह अलग बात है कि तब इस विधानसभा को आलापुर के बजाय जहांगीरगंज के नाम से जानते थे । उस समय भी मायावती ने यह विधानसभा सीट जीतने के बाद छोड़ दी थी । वही बसपा नेताओं का दावा है कि मायावाती चुनाव के बाद किसी पार्टी से गठबंधन करने नहीं जा रही है और बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बन रही है . 
 दरअसल आलापुर विधानसभा का भी अपना एक दिलचस्प इतिहास है . कहा जाता है कि यंहा से जिस भी पार्टी का प्रत्याशी जीतता है उसी की सरकार यूपी में बंटी है . इसलिए राजनेताओं ने इस सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोक दी है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद इस सीट पर प्रचार करने आये थे|
 पूर्व सांसद और आलापुर विधानसभा से बसपा प्रत्याशी त्रिभुवन दत्त कहते है कि आलापुर विधानसभा का आज़ादी के बाद से इतिहास रहा है कि इस विधानसभा से जिस भी पार्टी का प्रत्याशी जीता है उसी की सरकार प्रदेश में बनी है

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