योगीराज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में घोटाला, अधिकारी सस्पेंड
लखनऊ- उत्तर प्रदेश सरकार भले ही भ्रस्टाचार रोकने की बात करती हो और ईमानदारी से सरकार चलाना चाहती हो लेकिन उसके अधिकारी ऐसा बिलकुल नहीं चाहते है. उनका तो बस एक ही उद्देश्य रहता है कि कहा से पैसे कमाए जाएँ, चाहे उसके लिए घोटाला ही क्यों न करना पड़े. प्रदेश में गरीब लोगो के विवाह के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलाई जाती है. इस योजना में जिनकी में प्रत्येक शादी करने वाले जोड़े को सरकार की तरफ से 10 हजार रुपये सामान दिया जाता है, जिसमे साड़ी ब्लाउज, पायल, बिछिया, मेकअप का सामान और एक बख्सा भी होता है. प्रदेश के औरैया जिले में पत्रों को नकली पायल व बिछिया दे दिया गया. औरैया जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत फरवरी में 48 जोड़ों की शादी कराई गई थी.
कुछ दिनों बाद कई नवविवाहित जोड़ों ने जिलाधिकारी से बिछिया और पायल नकली होने की शिकायत की. प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ रविवार को औरैया में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता की देखते हुए सोमवार को औरैया के समाज कल्याण अधिकारी विनीत तिवारी को सस्पेंड कर दिया था. आपको बता दे कि इस अधिकारी के पास समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त चार्ज था. प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच सचिव समाज कल्याण सीपी सिंह को दी गई है. इस मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी के साथ ही दूसरें अफसरों की भूमिका की भी जांच हो रही है. साथ ही यह भी स्वीकार किया कि नकली जेवर देने के मामले में अफसर दोषी हैं. आपको बता दे कि इसके पहले भी कन्नौज में पहले से शादी-शुदा जोड़ोंं की मुख्यमंत्री विवाह योजना में दोबारा शादी कराये जाने के मामले ग्राम विकास अधिकारी मुकेश कटियार और सरवन पाल को निलंबित किया जा चुका है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. आपको बता दे कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रदेश में अब तक 7027 शादियां कराई जा चुकी हैं. प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने बताया कि 31 मार्च तक 10 हजार शादियाँ कराये जाने का लक्ष्य है. सामूहिक शादियों के सामान खरीद के लिए सीडीओ को जिम्मेदार बनाया गया है.