टीचर को मिली मासूम से पिटाई की यह सजा
बलिया। हमने और आपने बचपन के दिनों में स्कूल में बहुत मार खायी होगी और मुर्गा भी कई बार बने होंगे | पर इसके लिए कभी किसी टीचर को कोई सजा नहीं मिली होगी | लेकिन अब हालत बदल गए है अब तो अभिभावक को ये कतई बर्दाश्त नहीं है कि कोई उनके मासूम को हाथ भी लगाए | अगर हाथ लगाया तो उसका अंजाम भी भुगतना पड़ेगा | जी हां आज हम बात कर रहे है एक ऐसे ही टीचर और अभिभावक की |बलिया के आर्चिड स्कूल धरहरा में सुखपुरा पुलिस ने एक निजी स्कूल के शिक्षक तोमर राज के खिलाफ धारा 323, 506 भादवि व 3(1)10 एससी/एसटी एक्ट का अभियोग पंजीत किया है। अब सुनिए इनपर आरोप क्या है |
इन पर आरोप है कि इन्होने अपने स्कूल के छात्र को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के साथ ही मारने-पीटने व धमकी देने का आरोप है। मुकदमा वादी करनई निवासी नारद राम का पुत्र शनिराज आर्चिड स्कूल धरहरा में कक्षा दो का छात्र है। नारद का आरोप है कि जातियता के आधार पर बिना किसी आरोप के उनके पुत्र को स्कूल में मारा-पीटा गया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दिया है। हम टीचर द्वारा किए गए इस कृत्य का समर्थन नहीं करते है | अब इस बात में कितना सत्य है यह तो जाँच का विषय है पर ऐसी घटनाओं से हमें अपने वह दिन याद आ जाते है जब हमारी भी स्कूल में कितनी पिटाई हुआ करती थी | जब मास्टर साहब छड़ी और स्केल से मारा करते थे और हमारे हाथ लाल हो जाया करते थे और घर आने पर जब हम घरवालों से बताते थे तब वह यही कहाँ करते थे की जरूर हमने कोई गलती की है | पर छोडिए जनाब वक़्त बदला ,लोगों की सोच बदली और इस बदलती सोच का खामियाजा अब मास्टर जी को भुगतना पड़ता है और मिलती है एफआईआर की सजा |
Report- Radheyshyam Pathak