अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही हैं राम की पैड़ी





ayodhya ram paidi no development after spent karor rupees

अयोध्या – ठंड अब विदाई की ओर है और सूर्य की तपिश धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है कुछ इसी तरह फैजाबाद जिले में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी का ताप अब चरम पर है। सभी दलों के प्रत्याशी मतदाताओं की गणेश परिक्रमा युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। विकास के तमाम वायदे किये जा रहे हैं, विभिन्न मुद्दों पर वोट मांगे जा रहे हैं। लेकिन अयोध्या की दुर्दशा चुनावी मुद्दा नहीं बन पा रहा है। भगवान श्रीराम की विश्वविश्रुत पुनीत नगरी अयोध्या आज अपनी दुर्दशा पर अश्रुपात कर रही है मूलभूत सुविधायें भी जनता को सही ढंग से मयस्सर नहीं हो पा रही है। अयोध्या के ऐतिहासिक, कुंड, पार्क, सड़कें बदहाल हैं। हम बात करते हैं रामपैड़ी की। हरि की पैड़ी की तर्ज पर बनी रामपैड़ी आज मलिन रूप हो चुकी है। रामपैड़ी के उद्धार के लिए करोड़ों रूपये खर्च हुये लेकिन पैड़ी की बदहाली नहीं दूर हुयी।




 रामनगरी अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं की स्नान की सुविधा देने और पर्यटन को बढ़ाने के उद्देष्य से 1984 में उत्तर प्रदेष के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्रा के द्वारा हरिद्वार में हरि की पैड़ी की तर्ज पर अयोध्या के सरयू तट पर राम की पैड़ी का निर्माण कराया गया। शुरुवाती दौर में पैड़ी की खूबसूरती ने सुर्खियां बटोरी परन्तु यह ज्यादा दिन तक कायम न रह सकी। सरयू जल के आवागमन की सही व्यवस्था न होने के कारण राम की पैड़ी गंदगी का अम्बार बनकर रह गयी। राम की पैड़ी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए कई बार सरकारों ने धन का आवंटन किया।
राम की पैड़ी को स्वच्छ व निर्मल बनाने के कई दावे हुए। परन्तु जिस परिकल्पना को लेकर इसका निर्माण हुआ था उस स्वरुप को वह कभी प्राप्त नहीं कर सकी। विगत 16 अप्रैल 216 को प्रदेष सरकार के मंत्री षिवपाल सिंह यादव ने राम की पैड़ी में अविरल जल प्रवाह के लिए पांच करोड़ रुपये दिये थे। इसके साथ अयोध्या के घाटों को एक रंग में रंगने का दावा व सरयू में गिरने वाले तीन नालों के डायवर्ट का प्रस्ताव मांगा था। वर्तमान समय में राम की पैड़ी का जल हो अथवा वहां स्थित पार्क स्थिति दोनो में कोई परिवर्तन नहीं हो सका है। महंत  धनुषधारी शुक्ल कहते हैं कि रामपैड़ी के कायाकल्प हेतु करोड़ों रूपये खर्च करने के बजाय इसे पाटकर उद्यान के रूप में तब्दील कर देना चाहिए, रामपैड़ी अपने उद्देश्यों में सफल नहीं हो पा रही है बल्कि अराजकतत्वों का अड्डा बन चुकी है।
Report- Nitin Mishra

और भी ख़बरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *