राज्यपाल ने यह दिया गायत्री प्रजापति अल्टीमेटम ,अब गायत्री की खैर नहीं





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राज्यपाल राम नाईक ने सपा नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को नसीहत देते हुए कहा है कि उनको न्यायालय के सामने , पुलिस के सामने समर्पण करना चाहिए…लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा नहीं किया है .उनहोने यदि समर्पण नहीं किया तो कानून को अपना काम करना चाहिए . वंही उन्होंने जेएनयू.समेत अलग -अलग यूनिवर्सिटी में उपज रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि विश्व विधालय राजनीति के लिए भी एक राजनैतिक ग्राउंड है .लेकिन यह शुद्ध होनी चाहिए और इसकी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए .

गायत्री को नसीहत भी अल्टीमेटम भी





राज्यपाल राम नाईक फैजाबाद के नरेंद्र देव कृषि विश्वविधालय में दीक्षांत समारोह में भाग लेने आये थे . उन्होंने इस मौके पर सपा नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को नसीहत दी कहा उनका ऐसा मानना है की जो मंत्री है इस समय उनको न्यायालय के सामने , पुलिस के सामने समर्पण करना चाहिए…लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा नहीं किया.उनहोने यदि समर्पण नहीं किया तो कानून को अपना काम करना चाहिए .. उन्होंने चेतावनी भी दी कहा कानून धीरे से अपना काम करता है..मुझे विश्वास है की माननीय उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया है उसपे काम होगा . राम नाईक ने कहा इस मामले का गंभीर घटना समझ कर न्यायालय ने इसके मामले में जानकारी ली है …आदेश दिया है और आदेश के अनुसार उनका ऐसा मानना है की जो मंत्री है इस समय उनको न्यायालय के सामने , पुलिस के सामने समर्पण करना चाहिए…लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा नहीं किया.. उन्हें अपना काम करना चाहिए…उनहोने यदि समर्पण नहीं किया तो कानून को अपना काम करना चाहिए.. मुझे एसा लगता है की कानून अपना काम करेगा.. रूल्स के बारे में एसा कहा जाता है की कानून धीरे से अपना काम करता है..मुझे विश्वास है की माननीय उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया है उसपे काम होगा ….

यूनिवर्सिटी में विवाद पर भी बताई लक्ष्मण रेखा




राज्यपाल राम नाईक ने जेएनयू.समेत अलग -अलग यूनिवर्सिटी में उपज रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि विश्व विधालय राजनीति के लिए भी एक राजनैतिक ग्राउंड है .लेकिन यह शुद्ध होनी चाहिए और इसकी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए उन्होंने कहा विश्वविधालय विचारो के आदान प्रदान करने का एक स्थान है …निम्न प्रकार के जो विचार होते है वि छात्रो के सामने आने चाहिए…लेकिन इस प्रकार के ढंग से आने चाहिए जिसके आधार पर उनकी बैचारिक क्षमता और बढे …मई तो मनाता हु की विश्व विधालय राजनीति के लिए भी एक राजनैतिक ग्राउंड है…और राजनीति शुद्ध होने चाहिए..विश्व विधालय के जो संगठन है वो भी करना चाहिए..उसके भी चुनाव होना चाहिए .. लेकिन उसकी एक लक्षमण रेखा होती है ..

 

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