अब शाहरूख खान की तुलना दाऊद से
एक तरफ जहां लाखों दिलों पर राज करने वाले फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और दूसरी तरफ आतंक का पर्याय मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम भला दोनों की क्या तुलना एक तरफ जहां भारत का सितारा तो दूसरी तरफ भारत का भगोड़ा लेकिन राजनीति है और राजनीतिज्ञ है कि दोनों के बीच तुलना कर ही देते हैं भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कुछ ऐसा ही किया है अपनी फिल्म रईस का प्रमोशन करने निकले शाहरुख खान जब ट्रेन से उतरे तो ना सिर्फ रेलवे स्टेशन बल्कि आसपास का इलाका भी उनकी एक झलक देखने के लिए उतावला हुआ जा रहा था बस इसी भीड़ के आधार पर कैलाश विजयवर्गीय ने वह विवादित बयान दे डाला जिसने हर भारतवासी के दिल को दुखा दिया है उन्होंने कहा कि अगर दाऊद भी आ जाए तो इतनी ही भीड़ होगी अब नेता जी को कौन समझाए कि कहां दाऊद और कहां शाहरुख खान दोनों में भला क्या तुलना और क्या समानता वही चुनाव चल रहे हैं तो विपक्षी दलों को भी हमला करने में फायदा नजर आया लिहाजा कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कैलाश विजयवर्गीय पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने पर भी इतनी भीड़ होती है तो क्या वह मोदी की तुलना भी दाऊद से कर रहे हैं राजनेताओं को यह बात समझनी चाहिए की जनता उनको अपना नेता चुनती है तभी वह राजनेता बनते हैं लिहाजा उनको कुछ बोलने के पहले यह बात सोच लेनी चाहिए कि जिस जनता ने उन्हें चुना है उसको उनकी बात सुनकर क्या महसूस होगा और वह उनके बारे में क्या सोचेगी जिस दिन राजनेता ऐसा सोच लेंगे उसी दिन ना सिर्फ राजनेताओं की बातों में संयम आ जाएगा बल्कि राजनीति में सुचिता भी आ जाएगी।