नहीं हो सकता फोन पर तीन तलाक़
आज पूरे देश में तीन तलाक पर बहस छिड़ी है । महिलाओ के सम्मान में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस में भी यही मुद्दा छाया रहा । मऊ जिले में शारदा कालोनी में डॉ एकता सिंह ने महिलाओ के सम्मान में महिला दिवस का आयोजन किया। जिसमे महिला, छात्रा, महिला पुलिस सहित महिला अधिवक्ताओ का सम्मान किया गया वही रैली निकालकर लोगो को जागरूक भी किया गया | इस दौरान तीन तलाक़ का मुद्दा उठ गया और ज़ोरों पर छाया रहा| वही कुछ महिलाओ ने तीन तलाक़ मुद्दे पर व्याख्यान भी किया, साथ ही एक छात्रा ने महिलाओ से सवाल करते हुए पूछा की विदेश में रहकर कोई व्यक्ति फोन पर तलाक़ दे दे तो क्या वो तलाक़ माना जायेगा | इस मामले में पर महिला अधिवक्ता सहित महिलाओ ने जवाब देते हुए बताया कि अगर कोई फोन से तलाक़ दे तो उसे मना कर देना चाहिए | वो तलाक़ नही होगा और न ही फोन से निकाह होता है ।
इस मामले में महिला ने बताया की अगर कोई फोन से तलाक़ देता है वो उसे मना कर देना चाहिए और तलाक़ नही माना जायेगा । मुस्लिम रीति रिवाज में तीन तलाक़ तीन महीने में देने के लिए बना है| अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को तलाक़ दे दिया और उसे पुनः रखना चाहेगा तो उस महिला पहले किसी और से निकाह करना होगा और जब दूसरा व्यक्ति छोड़ेगा तो तब जाकर पहले व्यक्ति की पत्नी बनेगी |तलाक़ बहुत ही सोच समझकर देना है और तीन बार देना है और तीन महीने में देना है | वही इस मामले में महिला अधिवक्ता ने बताया की फोन से कोई तलाक़ नही होता है और न ही फोन से निकाह होता है इसे गलत माना जाता है| ये क़ानूनी मान्य नही है| हिन्दू रीति रिवाज में सात फेरे लिया जाता है और मुस्लिम रीती रिवाज के साथ निकाह पढ़ाया जाता है| फोन वाला निकाह शादिया नही होती है| यही शादिया बाद में जाकर अपराध का रूप लेती है | वही इस मामले में महिला थानाध्यक्ष ने कहा कि फोन से तलाक़ देना ये गलत है |