बलिया में संसद के गोद लिए गाँव में घोटाला, कई के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
बलिया- भ्रस्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हो गयी इसका अंदाजा लगाना अब टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. देश के डिजिटल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ड्रीम योजना की वह भले ही खुद निगरानी क्यों न करते हो पर सच तो यह है की उनकी यह योजना भी भ्रस्टाचार का शिकार हो गयी है. सलेमपुर से भाजपा सांसद रविन्द्र कुशवाहा द्वारा गोद लिये गये रेवती ब्लाक के आदर्श सांसद गांव कुशहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक अनियमितता हुई है.
खण्ड विकास अधिकारी नंदलाल सिंह ने प्रधान, सचिव व सम्बंधित बैंक के शाखा प्रबंधक समेत 10 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 464, 467, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने भी विवेचना भी शुरू करदी है. मामले में खण्ड विकास अधिकारी रेवती नंदलाल कुमार द्वारा दी गयी तहरीर में कहा गया है कि कुशहर ग्राम सभा के प्रधान सोनू पासवान, सचिव मनोज गुप्ता व सेंट्रल बैंक की शाखा मुड़ाडीह के प्रबंधक के 10 लोगों ने फर्जी आधार कार्ड के सहारे एकाउंट खोलकर पीएम आवास के धन की बंदरबाट की गयी है . यह घोटाला सबकी मिलीभगत से हुआ है. मामले प् र्संज्ञान लेते हुए खण्ड विकास अधिकारी ने धन निकासी पर रोक लगाते हुए संबंधित लोगो के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
इस फर्जीवाड़े की शुरुआत होती है सेण्ट्रल बैंक से क्योकि बिना बैंक की मिलीभगत के यह सब मुमकिन नहीं था. सेण्ट्रल बैंक की कुशहर स्थित शाखा में सात लाभार्थियों ने अपना खाता खुलवाया था. जिसके बाद ठीक उसी नाम से दूसरे का फोटो लगाकर तथा कागजो में फेरबदल करके मुड़ाडीह के सेण्ट्रल बैंक में जालसाजों ने खाता खुलवाकर प्रधानमंत्री आवास योजना की एक किस्त निकल ली. मामले की पोल तब खुली जब लाभार्थियों को इसके बारे में पता चला. जिसके बाद उनकी तरफ से खण्ड विकास अधिकारी समेत उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत की गयी. जब इस मामले की जांच हुई तो मामला सच पाया गया जिसके बाद बीडीओ ने मुकदमा दर्ज कराया.
तो जनाब पीएम कितने भी डिजिटल क्यों न हो जाये घोटाला करने वाले कोई न कोई रास्ता निकल ही लेते है. लिहाजा जब तक मामले की जमीनी हकीकत नहीं देखी जाएगी तब तक घोटालों पर रोक लगाना मुश्किल है.