इस बैंक ने लूट लिए ग्राहकों के लाखों रुपयें
बैंक को लोग ऐसी जगह समझते है जहां पर उनके पैसे सुरक्षित रहते है. इसी विश्वास के चलते लोग अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा बैंको में जमा करते है. पर जब बैंक ही आपके पैसे की लूट करने लगे तो आप को कैसा लगेगा. हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की यहां सेण्ट्रल बैंक आफ इंडिया की रेवती शाखा में बैंक कर्मचारी के द्वारा ग्राहकों के जमा किये हुए पैसों की लूट का मामला सामने आया है. इस कर्मचारी ने लोगों के लाखों रुपयों पर हाथ साफ कर दिया. मामला प्रकाश में आने के बाद दोषी कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है और रिकवरी लेटर भी जारी कर दिया गया है.
ऐसे होती थी पैसों की लूट
मामला प्रकाश में तब आया जब मुनि छपरा निवासी श्रीमती प्रतिभा मिश्र पैसा जमा करने के बाद पास बुक प्रिन्ट कराने बैंक आई तो पता चाला कि उनका पैसा उनके खाते में जमा ही नहीं है. आरोप के मुताबित 5 जुलाई 2017 को उनके पति किशोर कुमार मिश्र ने 2,64000 रुपए अपने खाता संख्या 3420923984 में जमा किया था. लेकिन बैंक में पैसा जमा करने का कोई प्रमाण नहीं था लेकिन उनकी किस्मत अच्छी थी की उनके पास जमा किये गए पैसों की रसीद थी. मान लीजिये अगर उनके पास रुपया जमा करने की रसीद न होती तो कोई प्रमाण भी नहीं मिल पाता. प्रतिभा मिश्र ने रेवती पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि उनका पैसा उनके खाते में जमा कर दिया जाए और उसके साथ ही जिस कर्मचारियों ने ऐसा किया है, उस पर कानूनी कार्रवाई हो. अब बैंक में केवल एक के साथ ऐसा हुआ हो ये भी नहीं है. दूसरा मामला भोपालपुर निवासी उदय प्रकाश मिश्र का भी सामने आया है. आरोप है कि उन्होंने 5 अगस्त को अपने खाता संख्या 2096348054 में 1,75000 रुपयें जमा किये थे लेकिन पासबुक प्रिंटिंग कराने पर खाते में पैसे ही जमा नहीं थे. श्री मिश्र ने इसको लेकर शाखा प्रबंधक से शिकायत भी की . सेंट्रल बैंक के शाखा प्रबंधक अमित शर्मा ने बताया कि इनके पास पैसा जमा करने की रसीद है इसलिए इनको पैसा मिलेगा लेकिन इसका कोई समय निश्चित नहीं है. साथ ही यह भी बताया कि दोषी कर्मचारी विमल कुमार को सस्पेंड करके रिकवरी लेटर भी जारी कर दिया गया है. रेवती थानाध्यक्ष ने जांच के बाद कानूनी कार्यवाही की बात कही है. तो इस मामले से कई सवाल खडें होते है मसलन जिस बैंक में आप आदमी आंख मूंदकर विश्वास करता है वह बैंक ही अब उन्हें लूटने का काम करेगा और उस दोषी कर्मचारी को कोई सजा भी मिलेगी जिसने ऐसा किया है या केवल सस्पेंड करना ही काफी है. सवाल यह भी है कि अगर पैसा जमा करने वाले लोगों के पास उसकी रसीद नहीं होती तो बैंक अपनी जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर लेता और जमा करने वालों को ही दोषी बता कर केस कर देता. तो क्या बैंक प्रशासन इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज कराएगा.
Report- Radheyshyam Pathak