अवैध संबंधो के लिए मां,पत्नी और बेटे की हत्या करने वाले को मिली मौत की सजा
उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले में अवैध संबंधों के खातिर गोपाल सैनी ने अपने बेटे , मां और पत्नी की एक साथ ह्त्या कर दी थी | मौके का दृश्य इस तरह था कि देखकर ही सामान्य इंसान का कलेजा मुंह को आ जाय । जी हाँ कुछ ऐसा ही हुआ था करीब तीन साल पहले 18 अप्रैल 2013 को नवरात्रि के समय । जहां घर के मुखिया गोपाल सैनी के अपने घर में पत्नी,मां और तीन साल के मासूम की लाशें पड़ी थी । जिसने भी सुना सभी के कदम खुद बा खुद घटना की तरफ चल पड़े , और जो मंजर लोगो ने देखा सभी की होश उड़ गए….. गम से सभी की आँखे नाम थी और कातिल को लेकर आक्रोश भी था । लेकिन जब जांच हुई तो गोपाल ही कातिल निकला और उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था ..अब तीन साल बाद बुधवार की देर शाम अदालत का फैसला आया तो इस कलयुगी बाप , बेटा और पति के लिए मौत की सज़ा लेकर आया तो सभी ने अदालत के फैसले की सराहना की है । हमने इस घटना का पूरा सच घंघाला . आपको इस घटना से जुडी कहानी दिखाने के लिए तीन साल पीछे लिए चलते है|
इस ह्रदय विदारक घटना में पुलिस की जांच में शक की सूई घर के मुखिया गोपाल सैनी के इर्द गिर्द घूम रही थी , लेकिन जब गोपाल से पुलिस ने कडाई से पूछताछ किया तो गोपाल टूट गया और जो सच्चाई सामने आयी तो लोगों के पैरो तले जमीन खिसक गयी । गोपाल की कंचन से शादी एक प्रेम विवाह हुआ था । कुछ दिन बाद इनको एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम बड़े प्रेम इन दोनों ने धैर्य रखा । कुछ दिनों बाद कंचन को ये शक होने लगा की कही गोपाल की किसी दूसरी लड़की से सम्बन्ध हो गया है । जिसको लेकर आये दिन दोनों में खट पट होने लगी । और एक दिन गोपाल ने एक योजना बनाई गर्मी के दिन में उसने अपने बेटे धैर्य के लिए बाज़ार से कोल ड्रिंक खरीद कर लाया उसमे उसने पहले से लाई सल्फास की गोलियां मिला दी । और उसने कोल ड्रिंक बड़े प्यार से अपने बेटे धैर्य . बीबी कंचन . माँ कामा देवी को पीने के लिए दिया ।और स्वयं वहां से गायब हो गया | घर में तीन शव अलग अलग जगह पर पड़े हुए थे और आरोपी बड़ी ही सफाई से निकल चुका था टिकट लेकर कानपुर और वहाँ से सूचना मिलने के बाद लौटा।
कंचन के पिता के आँख में है आंसू लेकिन दिल में सुकून
कंचन के पिता और मुक़दमा वादी राम गोपाल वर्मा का कहना है हमारी लडकी ने राम गोपाल सैनी से 2008 में प्रेम विवाह कर लिया था और वह साथ साथ रह रही थी | 2013 में एक लडकी से अवैध संबंधो के चक्कर में हमारी लडकी और नाती और अपनी मां को इसने कोल्ड्रिंक में जहर मिलाकर 18 अप्रैल 2013 को हत्या कर दी| उसकी एफ आई आर हमने कोतवाली में दर्ज कराया और मुकदमा चलता रहा और अब अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई है| इससे हमारे नुक्सान की भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन उसको फांसी की सजा होने से दिल को सुकून जरूर हुआ है . हमेश सत्य की विजय हुई है और वही आज हुआ भी है ..
समाजसेवी और लोग कर रहे है निर्णय की प्रशंशा
समाज सेवी दीपक केडिया कहते है जो फैसला आया है बहुत ही ऐतिहासिक फैसला है . इससे ऐसे लोगो को सबक मिलेगा . इससे लोग बहुत खुश है ख़ास तौर पर हमारा मोहल्ला जँहा यह घटना हुई. हमारे मोहल्ले में में ही राम गोपाल सैनी था जो डिग्री कालेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत था . घर में फूल देने जाने के बहाने उसने प्रेम विवाह किया था |उसके एक अन्य महिला से भी अवैध सम्बन्ध थे |उसी के चक्कर में उसने नवरात्रि को योजना बनाकर अपने पूरे परिवार को ही मार डाला | ऐसा जघंन्य कृत किया उसने|
हत्यारे को मिली निर्णय में मौत की सजा
तीन साल तक चली अदालती सुनवाई के उपरान्त अपर जिला जज तृतीय ने इस जघन्य हत्या कांड के लिए रामगोपाल सैनी को मृत्यु दंड की सजा सुनायी। न्यायालय का फैसला आते ही न्यायालय कक्ष में सन्नाटा पसर गया। न्यायाधीश ने इस फैसले को सुनाने के बाद कलम को तोड़ दिया। अदालत का फैसला आने के बाद अपने नाती और बेटी को खो चुके राम गोपाल वर्मा अदालत के फैसले की सराहना की है तो वही लोगो ने भी अदालत के फैसले की सराहना करते हुए कहा की ये ऐतिहासिक फैसला अपराधियो के लिए एक सबक है और इस फैसले से अपराधी अपराध करने से डरेंगे ।
शासकीय अधिवक्ता बताते है न्याय की जीत
शासकीय अधिवक्ता बिश्वनाथ त्रिपाठी ने बताया कि 6 मई 2013 को वादी मुकदमा रामगोपाल द्वारा पंजीकृत कार्या गया था | वादी का यह कथन था कि उनकी लडकी कंचन से राम गोपाल सैनी ने प्रेम विवाह किया था और इस विवाह से पूर्व ही गोपाल सैनी का एक अन्य महिला से अवैध सम्बन्ध था| इसी सम्बन्ध के दबाव में गोपाल सैनी ने अपनी मां और पत्नी कंचन देवी और पुत्र को कोल्ड्रिंक में जहर मिलाकर ह्त्या कर दी . इस मामले में एडीजी 3 के न्यायालय द्वारा मौत की सजा सुनाई गई है | गौरतलब है कि शासकीय अधिवक्ता बिश्वनाथ त्रिपाठी फैजाबाद के बहुचर्चित शशि मर्डर केस में वादी पक्ष से भी जुड़े हुए थे | जिसमे तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे आनंद सेन , उनकी महिला मित्र सीमा आज़ाद और ड्राइवर विजय सेन को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी | जिसमे हाईकोर्ट ने आनंद सेन और उनकी महिला मित्र को बरी कर दिया था और ड्राइवर विजय सेन को 10 साल की सजा सुनाई थी | इस मुकसमे में सरकार ने आगे अपील नहीं की थी लेकिन शशि के पिता योगेन्द्र प्रसाद इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे | सुप्रीम कोर्ट में यह मुकदमा आज भी विचाराधीन है|
Report- Syed Shabi Abbas
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