सुनिये यूपी की महिला सिपाही क्यों करना चाहती है आत्महत्या !




पुलिस थाना यानी वह जगह जहां हर तरह के अपराध पर अंकुश लगाया जाता है । जहां से हर तरह के आपराधिक कृत्य पर लगाम लगाई जाती है । जहां जाति धर्म से ऊपर उठकर सब लोगों से समान व्यवहार किया जाता है । लेकिन यूपी के मैनपुरी में जो सच सामने आया है उसने यूपी पुलिस और पुलिस थाने के कार्य व्यवहार और आचरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं  । Uttar pradesh police lady constable want suicide in mainpuriऐसा आचरण जिसके चलते पुलिस विभाग की ही एक महिला सिपाही आत्महत्या तक कर लेने की बात कर रही है । हैरत की बात तो यह है कि वह जिस वजह से आत्महत्या की बात कर रही है




वह वजह उसने तमाम सीनियर पुलिस अफसरों को भी बताई ,  बावजूद इसके अब तक किसी ने भी कुछ भी नहीं किया। यहां तक की उसे किसी से झूठी दिलासा तक भी नहीं मिली ।यूपी के मैनपुरी के जिस थाने में यह महिला सिपाही तैनात है , वहां के इंस्पेक्टर ने किया ही कुछ ऐसा है ! महिला सिपाही की माने  तो यहां ना सिर्फ जाति के आधार पर भेदभाव होता है बल्कि जातिसूचक शब्दों से भी कटाक्ष किया जाता है । यही नहीं इंस्पेक्टर द्वारा घर के निजी काम करने के लिए ही दबाव नहीं बनाया जाता बल्कि मुंह पर सिगरेट का धुआं फेंकते हुए जबरन मुंह में काजू भी डाला जाता है  । महिला सिपाही की माने तो तीन बार उसके साथ ऐसी घटनाएं हुई हैं । जिसके चलते वह अब आत्महत्या तक कर लेने की बात करने लगी है। आपको जानकर यह हैरत होगी की यह उस क्षेत्र की रहने वाली है जिसको मुलायम सिंह परिवार का गढ़ कहा जाता है ।




आपको यह भी बता दे की इस महिला सिपाही का पति भी उसी थाने में तैनात है जहां यह खुद तैनात हैं  । लेकिन इंस्पेक्टर साहब है कि कहते हैं मान जाओ नहीं तो तुमको तो इसी थाने में रखेंगे लेकिन तुम्हारे पति को ऐसी जगह भिजवा देंगे जहां से वह वापस नहीं आएगा । अब सवाल यह उठता है की यूपी के इस थाने में कानून का राज है या इंस्पेक्टर का …?, यह हाल तब हैं जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लड़कियों के आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ करने की बात करते हैं,  और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटियों के पढ़ने और आगे बढ़ने की बात करते हैं  । लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह ही बेटियां आगे बढ़ेंगे  ..? आखिर समाज के व्यवहार में बेटियों के लिए परिवर्तन कब आयेगा  …? क्या लड़कियों के विकास और बराबरी के हमारे दावे महज दिखावा है…?  मैनपुरी की इस महिला सिपाही की आपबीती सुनने के बाद तो यही लगता है । जरूरत है इस मामले की निष्पक्ष जांच की और जांच में दोषी पाए जाने पर उचित कार्यवाही की जिससे कम से कम खाकी पहनने वाली महिला सिपाही तो पुलिस थाने में महफूज रह सके और यह ना कहें कि वह आत्महत्या कर लेगी आप खुद सुन लीजिए इस महिला सिपाही की आप बीती ……..
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